चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम, I-PAC के 23 सदस्यों को रिहा करवाने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपने दो मंत्रियों को त्रिपुरा भेजा है। राजधानी अगरतला भेजे गए नेताओं में बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक, शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु और टीएमसी सांसद रिताब्रता बनर्जी शामिल हैं।
TMC से जुड़े फील्ड वर्क के लिए त्रिपुरा में PK टीम
I-PAC टीम तृणमूल कांग्रेस से जुड़े फील्ड वर्क के लिए त्रिपुरा पहुंची थी। I-PAC के सूत्रों के मुताबिक, अगरतला में पुलिस ने टीम के सदस्यों को बिना किसी वजह के दो दिनों से होटल में रोका हुआ है। इस मामले में त्रिपुरा टीएमसी के अध्यक्ष आशीष लाल सिंह ने कहा कि बीजेपी की बिप्लब देब सरकार का लोकतंत्र पर यकीन नहीं है, सिंह ने कहा कि पुलिस ने दो दिनों से I-PAC टीम को होटल में नजरबंद कर रखा हुआ है, टीम के सदस्यों को किसी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है।
अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी को घेरा
इस मामले में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा, अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि त्रिपुरा में टीएमसी के कदम रखने से पहले ही बीजेपी डर गई हैं, वे बंगाल में हमारी जीत से इतने बौखला गए हैं कि उन्होंने अब 23 IPAC कर्मचारियों को नजरबंद कर दिया है, उन्होंने कहा कि देश का लोकतंत्र भाजपा के शासन में खतरे में है।
पुलिस के मुताबिक राज्य के कोविड नॉर्म्स के तहत टीम को रोका गया है लेकिन टीम के मुताबिक सदस्यों के पास कोविड से संबंधी सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद हैं।
2018 में बीजेपी 60 में से 36 सीटें जीत पहली बार त्रिपुरा में अपनी सरकार बनाई थी। इससे पहले सीपीएम नेता माणिक सरकार 1998 से 2018 तक त्रिपुरा के चार बार सीएम रहे। 2018 त्रिपुरा चुनाव में टीएमसी अपना खाता नहीं खोल पाए थी, लेकिन बंगाल फतह करने के बाद इस बार पार्टी के हौसले बुलंद हैं।