Lok Sabha Election 2024: "कांग्रेस इस चुनाव में अच्छा नहीं करती है तो राहुल गांधी को...", प्रशांत किशोर ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 8, 2024 09:25 AM2024-04-08T09:25:01+5:302024-04-08T09:32:52+5:30
प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया है कि अगर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते हैं तो राहुल गांधी को अपने कदम पीछे खींचने पर विचार करना चाहिए।
नई दिल्ली: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया है कि अगर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते हैं तो राहुल गांधी को अपने कदम पीछे खींचने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए कांग्रेस पार्टी चला रहे हैं और पिछले 10 वर्षों में फेल होने बावजूद वह न तो अलग हट सकते हैं और न ही किसी और को कांग्रेस का नेतृत्व करने दे सकते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार प्रशांत किशोर ने कहा, ''मेरे अनुसार यह भी अलोकतांत्रिक है।" प्रशांत किशोर ने विपक्षी दल कांग्रेस के पुनरुद्धार की योजना तैयार की थी, लेकिन रणनीति के कार्यान्वयन पर सहमति न बन पाने के कारण बाहर चले गए थे।
उन्होंने राहुल गांधी के संदर्भ में कहा, "जब आप पिछले 10 सालों से एक ही काम कर रहे हैं और उसमें कोई सफलता नहीं मिली तो ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है। आपको इसे किसी और को पांच साल के लिए करने देना चाहिए। आपकी मां ने भी ऐसा किया था। सोनिया गांधी पति राजीव गांधी की हत्या के बाद राजनीति से दूर रहने और 1991 में पी वी नरसिम्हा राव को कार्यभार संभालने का मौका दिया था।"
उन्होंने कहा, "दुनिया भर में अच्छे नेताओं की एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे जानते हैं कि उनके पास क्या कमी है और सक्रिय रूप से उन कमियों को भरने के लिए तत्पर रहते हैं। लेकिन राहुल गांधी को ऐसा लगता है कि वह सब कुछ जानते हैं। अगर आप मदद की जरूरत को नहीं पहचानते तो कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता। उनका मानना है कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो उन्हें जो सही लगता है उसे क्रियान्वित कर सके। यह संभव नहीं है।"
प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी ने जो कहा था, वो उससे ठीक उलट काम कर रहे हैं। 2019 के चुनावों में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के राहुल गांधी के फैसले का हवाला देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वायनाड सांसद ने तब लिखा था कि वह पीछे हट जाएंगे और किसी और को काम करने देंगे। लेकिन वास्तव में उन्होंने उसके विपरीत काम किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई नेता निजी तौर पर स्वीकार करेंगे कि वे पार्टी में कोई भी निर्णय नहीं ले सकते हैं, यहां तक कि गठबंधन सहयोगियों के साथ एक भी सीट साझा करने के बारे में भी, जब तक उन्हें राहुल गांधी की मंजूरी नहीं मिल जाती है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग निजी तौर पर यह भी कहता है कि स्थिति वास्तव में विपरीत है और राहुल गांधी वो फैसले नहीं लेते, जो वे चाहते हैं।
किशोर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस तर्क पर सवाल उठाते हुए कि उनकी पार्टी को चुनाव में असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि चुनाव आयोग, न्यायपालिका और मीडिया जैसी संस्थाओं से समझौता किया गया है, प्रशांत किशोर ने कहा कि यह आंशिक रूप से सच हो सकता है लेकिन पूरा सच नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2014 के चुनावों में कांग्रेस 206 सीटों से घटकर 44 सीटों पर आ गई थी, जब वह सत्ता में थी और भाजपा का विभिन्न संस्थानों पर बहुत कम प्रभाव था। हालांकि, कई प्रमुख दलों के सफल चुनाव अभियानों से जुड़े रहे जाने-माने रणनीतिकार ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपने कामकाज में "संरचनात्मक" खामियों से ग्रस्त है और उनकी सफलता के लिए उसे उनकी ओर देखना होगा।