'कट मनी' मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि अगर वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासित करने का प्रयास करती हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है लेकिन बिना सबूत के किसी को उन्हें बदनाम करने का अधिकार नहीं है।
ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में कहा, मैंने जो भी कहा था, वह मैंने पार्टी पार्षदों की आंतरिक बैठक में कहा था। अगर मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासित करने का प्रयास करती हूं तो इसमें क्या गलत है? सरकारी योजनाओं का दुरूपयोग नहीं हो, अगर मैं पार्टी कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहती हूं तो क्या गलत है?'
पिछले एक सप्ताह से राज्य के विभिन्न हिस्से में लोग इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा कथित तौर पर ली गई 'कट मनी' को लौटाने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हम अवाम की पार्टी हैं तो इससे किसी को बिना सबूत के हमें बदनाम करने का अधिकार नहीं मिल जाता है।' हालांकि, बनर्जी ने कट मनी मुद्दे की छानबीन के लिए एक जांच आयोग बनाने की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि विपक्ष मुद्दे पर राज्य लोकायुक्त के पास जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी बंगाल में ‘एलियन कल्चर’ लाने का प्रयास कर रही है और भगवा पार्टी से लड़ने के लिए कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस को हाथ मिलाना होगा।
बीजेपी को रोकने के लिए ममता बनर्जी कांग्रेस, माकपा का साथ चाहतीं हैं। ममता बनर्जी ने कहा, राज्य के लोग भाटपाड़ा में देख रहे हैं कि बीजेपी को वोट देकर क्या हो रहा है। मुझे लगता है बीजेपी के खिलाफ लड़ाई के लिए हम सबको (तृकां, कांग्रेस और माकपा) साथ आना चाहिए, इसका ये मतलब नहीं कि हम हाथ मिला लें लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर समान मुद्दे पर हम साथ आ सकते हैं।बीजेपी के खिलाफ हाथ मिलाने की बनर्जी की अपील पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस और माकपा दोनों ने बंगाल में भगवा पार्टी की मजबूती के लिए तृणमूल कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया । विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘‘बीजेपी से लड़ने के लिए हमें ममता बनर्जी से सीख नहीं चाहिए। उनकी ही नीतियों के कारण बंगाल में बीजेपी का आधार बढ़ा है।’’