लखनऊः उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव रोचक हो गया है. वजह है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. शाक्य शिवपाल सिंह यादव के खासमखास रहे हैं.
रघुराज शाक्य सपा सरकार में मंत्री रहे हैं. वह अपने को मुलायमवादी कहते हैं. ऐसे में अब मैनपुरी की लड़ाई रोचक हो गई है, क्योंकि मैनपुरी में यादव के बाद शाक्य वोट सबसे अधिक हैं. कभी सपा के नेता रहे रघुराज शाक्य को वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से इटावा सदर की सीट से चुनाव लड़ाने के लिए कहा था, लेकिन अखिलेश यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए.
तो रघुराज शाक्य ने बिना शर्त बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि बीजेपी ने तब रघुराज शाक्य को टिकट नहीं दिया था, लेकिन अब मैनपुरी से उतारकर चुनावी संघर्ष को रोचक बना दिया है. मैनपुरी के लोगों का कहना है कि रघुराज शाक्य के मैदान में उतरने के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर कांटे की लड़ाई होगी.
इसी साल फरवरी में बीजेपी में शामिल होने से पहले रघुराज शाक्य, प्रसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर थे. रघुराज शाक्य वर्ष 1999 और वर्ष 2004 में सपा के टिकट पर इटावा से सांसद चुने गए थे. उन्होंने वर्ष 2012 में सपा के टिकट पर इटावा सदर सीट से विधानसभा का चुनाव भी जीता था.
शाक्य, मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं, जो शिवपाल यादव का गढ़ माना जाता है. भोगांव और मैनपुरी सीट पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि जसवंतनगर से शिवपाल यादव विधायक हैं और यहीं से रघुराज शाक्य भी आते हैं. अगर बीजेपी जसवंत नगर, भोगांव और मैनपुरी सदर में अपनी स्थिति मजबूत कर लेती है तो डिंपल यादव के लिए लड़ाई आसान नहीं होगी.
अब यह कहा जा रहा है कि मैनपुरी में रघुराज शाक्य से ही डिंपल यादव का चुनावी मुकाबला होगा. बीजेपी पहले से ही मैनपुरी में शाक्य प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतरती रही है. जातीय समीकरण के हिसाब से देखें तो मैनपुरी सीट पर सवा चार लाख यादव, पौने तीन लाख शाक्य, कुशवाहा, डेढ़ लाख क्षत्रिय हैं. इसी वजह से बीजेपी ने रघुराज शाक्य पर दांव लगाया है.
रघुराज सपा का जाना पहचाना नाम हैं और उनके डिंपल यादव के सामने होने पर अब अब अखिलेश यादव को मैनपुरी में पूरी ताकत लगानी होगी. फिलहाल अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह की यादों के सहारे मैनपुरी को साधने में जुटे हैं. अब शिवपाल सिंह यादव किसके साथ खड़े होंगे? यह मैनपुरी के लोग देखना चाहते हैं.