मैंने भाजपा से नाता तोड़ा, हिंदुत्व से नहीं, मर भी जाऊं तो भी हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा, उद्धव ठाकरे बोले-भाजपा के सड़े हुए हिंदुत्व की परिभाषा को स्वीकार नहीं करता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 17, 2025 12:09 IST2025-04-17T12:07:35+5:302025-04-17T12:09:08+5:30

भाजपा-नीत सरकार को मुंबई में राजभवन परिसर को छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में बदल देना चाहिए तथा राज्यपाल आवास किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर देना चाहिए।

Maharashtra Uddhav Thackeray said broken ties with BJP not Hindutva even die not leave Hindutva not accept BJP's rotten definition of Hindutva | मैंने भाजपा से नाता तोड़ा, हिंदुत्व से नहीं, मर भी जाऊं तो भी हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा, उद्धव ठाकरे बोले-भाजपा के सड़े हुए हिंदुत्व की परिभाषा को स्वीकार नहीं करता

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Highlightsभाजपा ने झूठा विमर्श प्रस्तुत किया कि शिवसेना (उबाठा)ने हिंदुत्व के रास्ते को छोड़ दिया है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कि मशाल पार्टी का चुनाव चिह्न हो सकता है लेकिन भगवा रंग इसकी पहचान है। मैं भाजपा के सड़े हुए हिंदुत्व की परिभाषा को स्वीकार नहीं करता।

नासिकः शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा का त्याग नहीं किया है, लेकिन उनकी पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिंदुत्व का ‘सड़ा हुआ’ संस्करण उन्हें स्वीकार्य नहीं है। ठाकरे ने उत्तर महाराष्ट्र के नासिक में शिवसेना (उबाठा) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी सुझाव दिया कि राज्य की भाजपा-नीत सरकार को मुंबई में राजभवन परिसर को छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में बदल देना चाहिए तथा राज्यपाल आवास किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर देना चाहिए।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा वास्तव में 17वीं सदी के मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान करती है तो केंद्र सरकार को उनकी जयंती पर देशव्यापी अवकाश घोषित करना चाहिए। भाजपा से 2019 में अलग हो चुके ठाकरे ने कहा कि अविभाजित शिवसेना के बिना केंद्र और राज्य की मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी उस स्थिति में नहीं पहुंच पाती कि अयोध्या में राम मंदिर बन सके। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने झूठा विमर्श प्रस्तुत किया कि शिवसेना (उबाठा)ने हिंदुत्व के रास्ते को छोड़ दिया है।

शिवसेना(उबाठा) नेता ने कहा कि मुसलमानों ने उनकी पार्टी का समर्थन सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया। ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने भाजपा से नाता तोड़ा है, हिंदुत्व से नहीं। मैं मर भी जाऊं तो भी हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा।’’उन्होंने कहा कि शिवसेना (उबाठा)के हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कि मशाल पार्टी का चुनाव चिह्न हो सकता है लेकिन भगवा रंग इसकी पहचान है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि ठाकरे ने उनका साथ छोड़ जबसे कांग्रेस से गठबंधन किया है तब से हिंदू राष्ट्रवाद का परित्याग कर दिया है। इसके जवाब में शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के सड़े हुए हिंदुत्व की परिभाषा को स्वीकार नहीं करता।’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘मुझे बताएं कि मैंने कहां हिंदुत्व को त्यागा है। यह एक झूठा विमर्श है कि भाजपा एक हिंदुत्वादी पार्टी है।’’उन्होंने रेखांकित किया कि भाजपा ने तेलुगू देशम पार्टी के साथ-साथ जनता दल (यूनाइटेड) के साथ भी गठबंधन किया है, जिसके प्रमुख नीतीश कुमार ने एक बार ‘‘आरएसएस मुक्त भारत’’ की मांग की थी।

ठाकरे ने रमजान के दौरान ‘सौगात-ए-मोदी’ उपहार वितरित करने को लेकर भी भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि यह बिहार में चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया, जबकि महाराष्ट्र में इसी पार्टी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था। उद्धव ने कहा कि जब 1992 में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, तो भाजपा नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने इसके लिए माफी मांगी थी, जबकि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ढांचा गिराया है तो उन्हें गर्व है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय ने उनका समर्थन किया क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया। ठाकरे ने शिवसेना (उबाठा) द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ मतदान किए जाने पर कहा कि उनकी पार्टी ने इस विधेयक का विरोध इसलिए किया क्योंकि हिंदुत्व और वक्फ बोर्ड के बीच कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने हाल ही में वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर चुकी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के साथ गठबंधन की घोषणा की है। शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मुंबई को ‘‘लूटा’’ जा रहा है, क्योंकि सभी बड़ी परियोजनाएं गुजरात को हस्तांतरित की जा रही हैं।

ठाकरे ने दोहराया कि वह नवंबर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं करते, जिसमें विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि यदि चुनाव मतपत्र के माध्यम से कराए जाएं तो विपक्ष को सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन को मिले जनादेश से भी बड़ा जनादेश मिलेगा।

ठाकरे ने भाजपा के बूथ प्रबंधन का भी हवाला दिया और कहा कि उनकी पार्टी को इस पर काम करने की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री ने हालांकि स्वीकार किया कि विपक्षी दलों का गठबंधन भाजपा द्वारा फैलाए गए ‘‘भ्रम’’ को दूर नहीं कर सका और लोगों तक उनकी सरकार द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को नहीं पहुंचा सका। ठाकरे ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्ध सपकाल द्वारा दिये गए बयान पर सहमति जताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा और सवाल किया कि संगठन के कितने अध्यक्ष दलित या मुसलमान हैं। 

Web Title: Maharashtra Uddhav Thackeray said broken ties with BJP not Hindutva even die not leave Hindutva not accept BJP's rotten definition of Hindutva

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