Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे और सीएम ठाकरे में फोन पर बातचीत, राउत बोले- शिवसेना प्रमुख के विश्वासपात्र नार्वेकर-फाटक सूरत होटल में मिले
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 21, 2022 20:49 IST2022-06-21T20:45:35+5:302022-06-21T20:49:49+5:30
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मिलिंद नार्वेकर और रवींद्र फाटक वहां (सूरत) गए थे। एकनाथ शिंदे से बातचीत हुई।

विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में, भाजपा ने उन सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की जिन पर उसने उम्मीदवार उतारे थे।
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे से बात हुई है और वह हमारे पुराने साथी हैं। हमारा उनके साथ अच्छा रिश्ता रहा है। हमने भाजपा का साथ क्यों छोड़ा वह सबको पता है जिसमें एकनाथ शिंदे भी शामिल रहे हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मिलिंद नार्वेकर और रवींद्र फाटक वहां (सूरत) गए थे। एकनाथ शिंदे से बातचीत हुई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भेजे गए शिवसेना के दो नेताओं ने मंगलवार को सूरत के एक होटल में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों से मुलाकात की।
Shiv Sena leaders Milind Narvekar and Ravindra Phatak will convey about the talks they had with Eknath Shinde to CM Uddhav Thackeray: Shiv Sena MP Sanjay Raut
— ANI (@ANI) June 21, 2022
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व को खतरे में डालने की क्षमता वाले आंतरिक संकट को दूर करने को लेकर विस्तृत चर्चा की। ठाकरे के विश्वासपात्र मिलिंद नार्वेकर व रवींद्र फाटक तथा शिंदे और अन्य विधायकों के बीच यह चर्चा होटल में हुई। शिंदे व व उनके समर्थक विधायक यहां सोमवार देर रात से डेरा डाले हुए हैं।
करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना नार्वेकर और फाटक सड़क मार्ग से मुंबई रवाना हो गए। महाराष्ट्र में विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के नतीजे आने के कुछ घंटे बाद शिंदे और उनके समर्थक विधायक सोमवार देर रात सूरत के होटल पहुंचे।
विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में, भाजपा ने उन सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की जिन पर उसने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि भाजपा के पास चार उम्मीदवारों को जिताने के लिए वोट थे। भाजपा ने यह जीत परोक्ष तौर पर एमवीए घटक दलों के कुछ विधायकों की क्रॉस-वोटिंग के आधार पर हासिल की। राकांपा और शिवसेना ने दो-दो सीटों पर जीत हासिल की। एमवीए के एक अन्य सहयोगी, कांग्रेस को झटका लगा क्योंकि पार्टी के एक एमएलसी उम्मीदवार भाजपा के पांचवें उम्मीदवार से हार गए।