महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह से पहले 'महा विकास अघाड़ी' (एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी किया है। इस दौरान जयंत पाटिल, नवाब मलिक और एकनाथ शिंदे मौजूद थे। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों के हित में फैसला लिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार तुरंत उनका कर्ज माफ करेगी। साथ ही साथ कहा गया है कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम में सेक्युलर शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी कर महा विकास अघाड़ी ने कहा है कि किसानों को तत्काल सहायता दी जाएगी और उनका लोन माफ किया जाएगा। जिन किसानों ने अपनी फसल खो दी है, उन्हें तत्काल मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए फसल बीमा योजना को संशोधित किया जाएगा।
बताया गया है कि बेरोजगारी का हल निकालने की कोशिश की जाएगी और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कोशिश की जाएगी। धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। साथ ही साथ गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर भाजपा के साथ हुई तकरार के बाद वह पार्टी से अलग हो गई। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन को आगे लाने में शरद पवार के प्रयासों को स्वीकार किया गया है। राकांपा प्रमुख ने अजित पवार से मंगलवार को बात कर उन्हें भाजपा को समर्थन देने के उनके फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था।
उनके भतीजे के इस यू-टर्न का श्रेय पवार को ही दिया जा रहा है और उन्हें राज्य के सियासी ड्रामे का ‘मैन ऑफ द मैच’ बताया जा रहा है। शिवसेना ने कहा, “शरद पवार जैसे मजबूत एवं अनुभवी ‘मार्गदर्शक’ हमारे साथ हैं। यह सरकार किसी के भी खिलाफ खराब मंशा के साथ काम नहीं करेगी।”
राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा के सरकार बनाने में नकाम रहने के बाद, शिवसेना ने राजनीतिक आयाम में हुए इस परिवर्तन को महाराष्ट्र में “नये सूर्योदय” के समान बताया है।