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महाराष्टू सरकार वरवर राव को नानावती अस्पताल ले जाने पर हुई राजी

By भाषा | Updated: November 18, 2020 16:20 IST

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मुम्बई, 18 नवंबर महाराष्ट्र सरकार एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कवि-सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव को उपचार के लिए जेल से 15 दिनों के लिए मुम्बई के नानावती अस्पताल ले जाने पर बुधवार को राजी हो गयी।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ के हस्तक्षेप के बाद राज्य ने कहा कि वह ‘विशेष मामले’ के तौर पर विचाराधीन कैदी राव (81) को नवी मुम्बई की तलोजा जेल से ले जाएगा।

राज्य के वकील दीपक ठाकरे ने अदालत से कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से निर्देश प्राप्त कर लिये हैं जिन्होंने कहा कि राज्य को राव को निजी नानावती अस्पताल ले जाने में कोई ऐतराज नहीं है।

अदालत ने निर्देश दिया कि राव के उपचार का खर्च राज्य उठाएगा तथा न्यायालय को सूचित करने के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। पीठ का यह भी निर्देश था कि राव की सारी मेडिकल रिपोर्ट अदालत में जमा की जाएं तथा उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल में उनसे मिलने दिया जाए।

न्यायालय ने राव की पत्नी हेमलता की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किये। हेमलता ने यह कहते हुए राव को तलोजा जेल अस्पताल से तत्काल नानावती अस्पताल स्थानांतरित करने का अनुरोध किया कि निरंतर हिरासत में रखना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

अदालत मेडिकल आधार पर दायर की गयी राव की जमानत अर्जी पर भी सुनवाई कर रही है। राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने बुधवार को जमानत के लिए दबाव नहीं बनाया क्योंकि उच्च न्यायालय ने सुझाव दिया कि वह दलीलें राव को नानावती अस्पताल स्थानांतरित करने की अंतरिम राहत पर ही केंद्रित रखें।

जयसिंह ने कहा कि राव डिमेंशिया (मानसिक विकार) से ग्रस्त हो गये हैं, जेल में उनकी मूत्र नली में संक्रमण हो गया और उनकी ‘मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। उनका कहना था कि यह तार्किक आशंका है कि राव की जेल में मृत्यु हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य राव की तबीयत की देखभाल के प्रति लापरवाह रहा है।

जयसिंह ने कहा कि राव के लिए तत्काल विशेषज्ञों के हस्तक्षेप की जरूरत है और यह कि उनका तलोजा जेल में उपचार नहीं हो सकता।

इस पर पीठ ने राज्य एवं राष्ट्रीय जांच एजेंसी से पूछा कि क्यों राव को नानावती अस्पताल स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।

पीठ ने कहा, ‘‘ आखिरकार, यह व्यक्ति एक तरह से मृत्युशय्या पर है। उसे कुछ उपचार की जरूरत है। क्या राज्य कह सकता है कि नहीं, हम तलोजा में उसका उपचार करेंगे। ’’

न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘ हम उसे बस दो सप्ताह के लिए नानावती अस्पताल ले जाने के लिए कह रहे हैं। दो सप्ताह के बाद हम देखेंगे।’’

प्रारंभ में एनआईए और राज्य ने राव को नानावती अस्पताल स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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