महाराष्ट्र: बहुमत परीक्षण में असदुद्दीन ओवैसी के दो विधायकों समेत चार ने न किया वोट और न ही विरोध

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: November 30, 2019 03:56 PM2019-11-30T15:56:06+5:302019-11-30T15:56:40+5:30

विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) दिलीप वाल्से पाटिल ने बहुमत परीक्षण कराया। बहुमत प्रस्ताव के खिलाफ विपक्ष में से किसी ने वोट नहीं किया क्योंकि 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले ही बीजेपी के सभी 105 विधायक वॉकआउट कर गए। 

Maharashtra: Four including Asaduddin Owaisi's two MLAs did not vote nor oppose in majority test | महाराष्ट्र: बहुमत परीक्षण में असदुद्दीन ओवैसी के दो विधायकों समेत चार ने न किया वोट और न ही विरोध

बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे। (फोटो- एएनआई)

Highlightsहैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के दो विधायकों समेत चार ने सदन में न तो वोट किया और न ही विरोध किया।बहुमत प्रस्ताव के खिलाफ विपक्ष में से किसी ने वोट नहीं किया क्योंकि 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले ही बीजेपी के सभी 105 विधायक वॉकआउट कर गए थे। 

महाराष्ट्र विधानसभा में शनिवार (30 नवंबर) को शिवसेना की अगुवाई वाले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन ने बहुमत परीक्षण में कामयाबी पाई। अघाड़ी के पक्ष में 169 वोट पड़े। दिलचस्प बात है कि हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के दो विधायकों समेत चार ने सदन में न तो वोट किया और न ही विरोध किया। एआईएमआईएम के अलावा सीपीआईएम और एमएनएस के एक-एक विधायक ने खड़े होकर शांत रहकर सदन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और बहुमत परीक्षण में न तो वोट किया और न ही विरोध किया।

विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) दिलीप वाल्से पाटिल ने बहुमत परीक्षण कराया। बहुमत प्रस्ताव के खिलाफ विपक्ष में से किसी ने वोट नहीं किया क्योंकि 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले ही बीजेपी के सभी 105 विधायक वॉकआउट कर गए थे। 


बता दें कि 21 अक्टूबर को हुए राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं। इसके बाद शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। 

मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में मतभेद उभरे और उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठजोड़ करना तय किया। इसी बीच 80 घंटों के लिए देवेंद्र फड़नवीस और एनसीपी नेता अजित पवार की सरकार बनी लेकिन हाई बोल्टेज सियासी ड्रामे के बाद सरकार गिर गई। शिवसेना का दावा कि वह नया महाराष्ट्र बनाने के लिए काम करेगी।

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