मुंबई:महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज अक्षय तृतीया पर कोई उत्सव नहीं करने के लिए मैं आपका आभारी हूं। मैं अपील करना चाहता हूं कि रमजान पर भी प्रार्थना करने बाहर न जाएं। हर कोई पूछ रहा है कि भगवान कहां है? भगवान इस कठिन समय में हमारी सेवा कर रहे है-पुलिस, डॉक्टर, सफाई कर्मचारी सबमें हैं।
इसके साथ ही महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे पास 80% रोगी हैं जिनमें कोई ज्यादा लक्षण नहीं दिखे हैं और 20% ऐसे हैं जिनके हल्के या गंभीर लक्षण हैं। हमें देखना होगा कि जो लोग इस बीमारी को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं ये लोग कैसे बचते हैं। जो लोग इसे छिपा रहे हैं और परीक्षण नहीं करवा रहे हैं, यदि आपके लक्षण हैं तो कृपया जाएं और परीक्षण करवाएं।
इसके साथ ही सीएम ठाकरे ने कहा कि यह दर्दनाक है कि हमारे 2 पुलिसकर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। सरकार की नीति के अनुसार उनके परिवारों का समर्थन किया जाएगा।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार राज्य के कोरोना वायरस से प्रभावित शहरी इलाकों में लॉकडाउन को तीन मई के बाद भी बढ़ा सकती है। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर, औरंगाबाद और अमरावती शहरों के बाहर के इलाकों में स्थिति पर करीब से नजर रखी है।
उन्होंने कहा, “शहर ही हैं जहां कोविड-19 के ज्यादा मामले हैं। अगर राज्य को बंद के मौजूदा सख्त नियमों में छूट देनी होगी तो यह राज्य के ग्रामीण और कम प्रभावित इलाकों में दी जाएगी। हालांकि हम इसे देख रहे हैं क्योंकि ग्रामीण और शहरी इलाके जुड़े हुए हैं।”
पुणे जिले के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के न्यूनतम मामलों के बावजूद, वहां उद्योगों को शुरू नहीं किया गया है क्योंकि उनमें काम करने वाले ज्यादातर लोग शहरों में रह रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि हमें चीजों को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रत्येक जिले या जिलावार कुछ योजनाओं पर काम करना होगा।
प्रशासन को समाधान तलाशने के लिए और समय की जरूरत है इसलिए इस बात की संभावना कम है कि राज्य के सभी हिस्सों में तीन मई के बाद बंद के प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शनिवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 के मामलों की संख्या घट नहीं रही है। टोपे ने कहा, “राज्य को अब भी उस चरण में पहुंचना है जहां कोरोना वायरस मामलों की संख्या स्थिर हो।
तब तक, हम लोगों को बड़ी संख्या में सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र होने की अनुमति देने का जोखिम नहीं ले सकते। हालांकि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तीन मई को राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि खत्म होने के बाद फैसला करेगी कि क्या करना है।