Maharashtra Assembly Elections 2024: 150 सीट पर चुनाव लड़ने की योजना, प्रभारी यादव और सह-प्रभारी वैष्णव ने की बैठक, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 19, 2024 17:42 IST2024-07-19T17:41:14+5:302024-07-19T17:42:18+5:30
Maharashtra Assembly Elections 2024: बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस और प्रदेश इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले समेत भाजपा की राज्य कोर कमेटी के सदस्य मौजूद थे।

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Maharashtra Assembly Elections 2024: केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव और रेल मंत्री वैष्णव महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभारी और सह-प्रभारी हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस और प्रदेश इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले समेत भाजपा की राज्य कोर कमेटी के सदस्य मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा राज्य की 150 सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि दोनों केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को भी मुंबई में ही रहे। सूत्रों ने बताया कि 21 जुलाई को पुणे में भाजपा की प्रदेश इकाई का सम्मेलन होगा, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। पूर्व सांसद रावसाहेब दानवे ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसमें शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं) के नेताओं द्वारा मिलकर सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी। महाराष्ट्र में इस वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या 2019 में 23 से घटकर मात्र नौ रह गई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सात सीटें हासिल कीं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सिर्फ एक लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर सकी।
शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस वाली महाविकास अघाडी ने मिलकर राज्य की 48 लोकसभा सीट में से 30 सीट हासिल कीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मराठी साप्ताहिक 'विवेक' द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा के साथ हाथ मिलाने के भाजपा के कदम को जिम्मेदार ठहराया गया है।