महाराष्ट्र: त्रिपुरा में हिंसा के विरोध में अमरावती में लगातार दूसरे दिन हिंसा की घटनाएं, पुलिस ने लाठीचार्ज किया
By विशाल कुमार | Published: November 13, 2021 11:36 AM2021-11-13T11:36:04+5:302021-11-13T11:48:01+5:30
आज विपक्षी भाजपा ने बंद बुलाया था जिसमें कई हिंदूवादी संगठन शामिल हुए. हालांकि, इस दौरान भी पुलिस पर पथराव कर दिया गया जिसके बाद पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर दिया. अब आज भी वहां हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.
नई दिल्ली:त्रिपुरा में अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों पर हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के अमरावती में आज लगातार दूसरे हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.
कल अल्पसंख्य समुदाय के लोगों द्वारा निकाली गई रैली में अज्ञात लोगों ने आस-पास के दुकानों में पथराव किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, इसके बाद इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया था कि जैयाब चौराहे पर दुकानों के शीशे पर पथराव किया गया और अब दुकानदारों की शिकायत पर मामला दर्ज किया जा रहा है.
इसके बाद आज विपक्षी भाजपा ने बंद बुलाया था जिसमें कई हिंदूवादी संगठन शामिल हुए. हालांकि, इस दौरान भी पुलिस पर पथराव कर दिया गया जिसके बाद पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर दिया. अब आज भी वहां हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र में मंत्री नवाब मलिक ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
मलिक ने कहा कि जो घटना हुई है, दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस उसकी जांच करेगी. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. आंदोलन करना सबका अधिकार है. लेकिन आंदोलन के नाम पर हिंसा करना सही नहीं है. हम लोगों से अपील करते हैं कि शांति बनाकर रखें. कुछ अराजक तत्व इसमें हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं.
कल अमरावती के साथ ही नांदेड़ और मालेगांव में भी हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. नांदेड़ में हिंसक भीड़ ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और भारी पथराव किया, जिसमें 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए. प्रदर्शन के दौरान सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया. मालेगांव में भी काफी उतपात मचा. हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा.
बता दें कि, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पांडालों और अल्पसंख्यओं पर हुई हिंसा के विरोध में पिछले दो हफ्तों से त्रिपुरा में हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन और रैलियां निकाल रहे हैं. इस दौरान अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई.
हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार करते हुए ऐसा दावा करने वाले कम से कम 102 सोशल मीडिया अकाउंट और यूजरों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है और सख्त कार्रवाई की बात कही है.