महाराष्ट्र: अजित पवार या जयंत पाटिल, किसका व्हिप मान्य, एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस प्रोटेम स्पीकर के मांग पर अड़ी
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: November 26, 2019 09:37 AM2019-11-26T09:37:02+5:302019-11-26T09:56:32+5:30
अजित पवार को भले ही एनसीपी ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया हो लेकिन दो वजहों से व्हिप जारी करने का अधिकार अब भी उनके पास है।
महाराष्ट्र में काफी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार की सरकार बन तो गई है लेकिन सत्ता का सिंहासन उसी के पास बना रहेगा, इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी और अजित पवार के पास राज्यपाल के आदेश अनुसार बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन का वक्त है। शिवसेना की अगुवाई में कांग्रेस और एनसीपी वाला गठबंधन 24 घंटे के भीतर सदन में शक्ति परीक्षण कराना चाहता है। राजनीतिक घमासान में एक और जरूरी पेंच यह है कि अगर शक्ति परीक्षण के लिए अगर एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के मौजूदा विधायक दल के नेता जयंत पाटिल दोनों व्हिप जारी करते हैं तो किसका मान्य होगा और उसके बाद क्या परिणाम होगा?
जानकारों का मानना है कि अजित पवार को भले ही एनसीपी ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया हो लेकिन दो वजहों से व्हिप जारी करने का अधिकार अब भी उनके पास है। अगर अजित पवार और जयंत पाटिल दोनों सदन में विधायकों की मौजूदगी को लेकर व्हिप जारी किया तो फिर बहुमत की संख्या साबित करने के लिए नया समीकरण बनेगा, जिसमें विधायक के दलबदल करने की आशंका है। अगर अजित पवार का व्हिप मान्य हुआ और एनसीपी के 53 विधायक इस फैसले के खिलाफ चले जाते हैं तो विधानसभा में बहुत साबित करने के लिए विधायकों की संख्या 118 रह जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के पास अपने 105 विधायक हैं और 13 निर्दलीय विधायकों का उसे समर्थन प्राप्त है। इसे मिलाकर बीजेपी के पास बहुमत के लिए जरूरी संख्या 118 हो जाएगी।
दो वजहों से अजित पवार का व्हिप हो सकता है मान्य
एनसीपी ने अजित पवार के विधायक दल के नेता के पद से हटाया है और पार्टी से उनकी सदस्यता समाप्त नहीं की है। वहीं, शिवसेना की अगुवाई वाले कांग्रेस और एनसीपी के महाविकास अघाडी गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में औपचारिक तौर पर अपने नेता के बारे में जानकारी नहीं दी है।
विधानसभा स्पीकर फैसला लेंगे कि वह किसे व्हिप जारी करने का मौका देते हैं।
शरद पवार ने व्हिप को लेकर क्या कहा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उन्होंने संविधान और कानून के कई विशेषज्ञों से बात की है और पहले के मामलों पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार बतौर एनसीपी विधायक दल के नेता विधायकों को व्हिप जारी करेंगे, यह सूचना गलत है जोकि फैलाई जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि अजित पवार को एनसीपी के विधायक दल के नेता पद से हटाया जा चुका है और अब उनके पास विधायकों को व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
शीर्ष अदालत में चल रहे मामले को लेकर एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस इस मांग पर अड़ी हैं कि जैसे ही प्रोटेम-स्पीकर नियुक्त हो और विधायकों की सपथ संपन्न हो, शक्ति परीक्षण कराया जाए।
शीर्ष अदालत में देवेंद्र फड़नवीस के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्य की अदालत को विधानसभा के कामकाज से कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि शक्ति परीक्षण की प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, विधायकों की शपथ, स्पीकर का चुनाव और फिर बहुत साबित करने के लिए शक्ति परीक्षण होता है। उन्होंने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस प्रक्रिया के खिलाफ निर्देश देगा?
मुकुल रोहतगी ने कहा कि अदालत यह कर सकती है कि बहुत साबित करने के लिए राज्पाल से कहकर 14 दिन के समय को एक हफ्ता करने का निर्देश दे।
नियम के अनुसार कांग्रेस का प्रोटेम स्पीकर चुने जाने का मौका
नियम के अनुसार विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में कांग्रेस के बाला साहब थोराट सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। अगर महाविकास अघाडी गठबंधन की मांग मानी गई तो प्रोटेम स्पीकर का फैसला उनके हक में जा सकता है।