लखनऊ:उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले वर्ष होने वाले महाकुंभ में योगी सरकार कैबिनेट बैठक भी करेंगी। महाकुंभ की शुरुआत अगले साल 13 जनवरी से होगी और 26 फरवरी को इसका समापन होगा। इसी समय के बीच में मुख्यमंत्री योगी अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ प्रयागराज पहुंचेंगे। फिर अपने सभी मंत्रियों के साथ सीएम योगी संगम तट पर स्नान करेंगे। इसके बाद सभी कैबिनेट की बैठक में शामिल होंगे।
इस कैबिनेट में प्रदेश के विकास को लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा कर उन्हें अनुमति प्रदान की जाएगी। सीएम योगी के नजदीकी मंत्रियों के अनुसार, कैबिनेट के समक्ष जिन महत्वपूर्ण मुद्दों को रखा जाना है, इसे लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय में विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्दी ही कैबिनेट बैठक की तारीख और कैबिनेट के समक्ष रखे जाने वाले मुद्दों को फाइनल कर दिया जाएगा।
ऐसा नहीं है कि महाकुंभ के दौरान पहली कैबिनेट की बैठक होगी। वर्ष 2019 में भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में जब अर्ध कुंभ हुआ तब सीएम योगी ने यहां कैबिनेट बैठक की थी। इस बैठक को करने के पूर्व सीएम योगी ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। इसी प्रयागराज में यूपी कैबिनेट का पहला विधानसभा सत्र वर्ष 1952 को यहां के राजभवन में हुआ था। यह राज भवन वर्ष 1963 में मोती लाल नेहरू गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बना दिया गया।
अब कहा जा रहा है कि प्रयागराज में दूसरी बार कैबिनेट कर सीएम योगी हिंदुत्व के एजेंडे को धार देंगे। यहां उन्हें वाले कैबिनेट में लिए गए फैसलों का संदेश पूरी दुनिया में एक साथ जाएगा। कहा यह भी जाता है कि आज से लगभग 1400 साल पहले सम्राट हर्षवर्धन कुंभ के अवसर पर राजधानी कन्नौज के बजाय संगम तट पर लगभग 75 दिनों तक निवास कर यहीं से राजकाज चलाते थे।
सीएम योगी और उनकी कैबिनेट लंबे समय तक तो कुंभ क्षेत्र में नहीं रहेंगे लेकिन कुंभ क्षेत्र में कैबिनेट बैठक कर सीएम योगी आधा दर्जन से अधिक अहम फैसले जरूर लेंगे। यह फैसले यूपी के विकास और लोगों के हितों का संरक्षण करने वाले होंगे।