Mahakumbh 2025: सुबह से शाम तक और आधी रात से भोर तक?, प्रयागराज में गंगा नदी तटों पर 24×7 घंटे तीर्थयात्रियों की भीड़
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 25, 2025 18:35 IST2025-02-25T18:34:42+5:302025-02-25T18:35:41+5:30
Mahakumbh 2025 Live: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव महाकुंभ का बुधवार को महाशिवरात्रि के दिन अंतिम 'स्नान' के साथ समापन हो जाएगा।

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Mahakumbh 2025 Live:प्रयागराज में गंगा नदी के तटों पर चौबीसों घंटे तीर्थयात्रियों की भीड़ लगी रहती है, पूजा सामग्री बेचने वाले तथा संगम स्थल पर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हर जगह सुरक्षा कर्मचारी तैनात रहते हैं - त्रिवेणी संगम वह स्थान है जहां दिन और रात का अंतर नज़र नहीं आता। सुबह से शाम तक और आधी रात से भोर तक, इस पवित्र नगरी में मानवता के विशाल समागम में आध्यात्मिक स्नान का चक्र बिना रुके चलता रहता है। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव महाकुंभ का बुधवार को महाशिवरात्रि के दिन अंतिम 'स्नान' के साथ समापन हो जाएगा।
नूपुर शर्मा ने #MahaKumbh2025 के दौरान त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बाद जयघोष किया – “हर हर महादेव!” 🚩🔥
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सनातन की शक्ति और आस्था अडिग है, युगों-युगों तक अमर रहेगी! 🙏 @NupurSharmaBJPpic.twitter.com/nkX7lp4m5Q
नूपुर शर्मा ने #MahaKumbh2025 के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मिलती हैं, वहाँ आत्मशुद्धि और दिव्यता का अद्भुत संगम होता है। 🚩🙏 @NupurSharmaBJPpic.twitter.com/dMkT7TNPyc— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 25, 2025
अब हर समय महाकुंभ मेला क्षेत्र में लोगों के सैलाब को आता-जाता देखा जा सकता है। कई लोग पवित्र डुबकी के लिए दिन के समय होने वाली भारी भीड़ से बचने के लिए रात का वक्त चुनते हैं। सोमवार देर रात करीब 1.30 बजे, जब देश का अधिकांश हिस्सा सो रहा था, संगम के घाट तथा उस स्थान के पास जन-जीवन गुलजार था, तथा लोगों का सैलाब केवल एक ही उद्देश्य से उमड़ रहा था कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर 'कुंभ स्नान' करना है। हर घंटे भीड़ बढ़ती गई।
बिहार से आए जयशंकर झा ने बताया कि महाकुम्भ की सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। यहां किसी श्रद्धालु को कोई असुविधा नहीं हो रही है। pic.twitter.com/je7uLrpmIk
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तीर्थयात्री नदी के किनारे पहुंचने के लिए एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करते रहे और पवित्र स्नान करने वाले लोग अपने कपड़े बदलने के लिए जगह ढूंढने के लिए संघर्ष करते रहे। घाट श्रद्धालुओं से अटे पड़े थे जिसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल थे। झारखंड के साहिबगंज से आए एक तीर्थयात्री ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ रात करीब दो बजे स्नान किया।
“आस्था, श्रद्धा और सनातन परंपरा का अद्भुत संगम”
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लोकसभा सांसद श्री @ravikishann जी ने अपने परिवार संग पावन त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान कर महाकुंभ की दिव्यता को नमन किया।
सनातन संस्कृति की यह अमूल्य धरोहर समस्त मानवता के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है।#MahaKumbh2025pic.twitter.com/YlxEfwiUqU
उन्होंने कहा, "जय गंगा मैया, मैंने स्नान कर लिया और मुझे नया उत्साह महसूस हो रहा है। मैं पहली बार कुंभ मेले में आया हूं, मुझे खुशी है कि मैं इसका हिस्सा बन सका।” जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, कई लोग त्रिवेणी संगम के पास बैठे गए। इस बीच पुलिसकर्मी घाट के किनारे घूम रहे थे और लोगों को निर्देश दे रहे थे कि वे घाट के किनारे जमीन पर बैग न रखें और जगह बनाने के लिए धक्का-मुक्की न करें।
पुलिस कर्मी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लोगों से कहते रहे कि “आगे बढ़िए, आगे बढ़िए।” भीड़ बढ़ती जा रही थी। कई लोग अपने प्रियजनों और दोस्तों से या तो तटों पर या मेला क्षेत्र के अन्य हिस्सों पर बिछड़ गए। सेक्टर 3, अक्षय वट रोड स्थित 'खोया-पाया' केंद्र में देर रात तीन बजे भी चहल-पहल थी।
परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ अभिनेत्री कैटरीना कैफ, रवीना टंडन, अभिषेक बनर्जी और राषा ठडानी ने आस्था और श्रद्धा से भरी आरती में भाग लिया।
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गंगा तट पर गूंजते मंत्रों और दीपों की लौ से वातावरण आलोकित हो रहा है 🔥🌊… pic.twitter.com/Lngr45vDyf
मध्य प्रदेश के रमेश कैदन अपनी पत्नी से बिछड़ गए थे और वह बेसब्री से केंद्र पर उनका इंतजार कर रहे थे। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के मुन्नीलाल ठाकुर भी अपने भाई, भाभी और पोते की प्रतीक्षा कर रहे थे। मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकरों पर बार बार घोषणाएं की जा रही थीं, जबकि केंद्र में एक डिजिटल स्क्रीन पर खो गए या मिल गए व्यक्तियों के नाम (ज्यादातर फोटो के साथ) प्रदर्शित किए जा रहे थे।
शिवलिंग, रुद्राक्ष की माला, नदी का पानी ले जाने के लिए बोतल आदि और अनुष्ठान के धागे बेचने वाले विक्रेता पूरी रात कारोबार करते देखे जा सकते हैं। राजस्थान की रहने वाली और अनुष्ठान के धागे बेचने वाली मनीषा ने कहा, "इस स्थान पर पूरे दिन तीर्थयात्रियों की भीड़ लगी रहती है, घाट पूरी रात भरे रहते हैं। संगम पर हमेशा लोगों की आवाजाही रहती है।"