खरगोन में चले बुलडोजर में ढहा पीएम आवास योजना के तहत बना मकान भी, जिला कलेक्टर ने कहा- सरकारी जमीन पर था घर

By विनीत कुमार | Published: April 13, 2022 07:43 AM2022-04-13T07:43:54+5:302022-04-13T08:03:09+5:30

मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हिंसा के बाद जिला प्रशासन की ओर से कई घरों और दुकानों को बुलडोजर से गिराया गया। प्रशासन इसे अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई बता रहा है। हालांकि इस पर सवाल भी उठ रहे हैं।

Madhya Pradesh Khargone incident bulldozers also demolished house built under PM Awas Yojana | खरगोन में चले बुलडोजर में ढहा पीएम आवास योजना के तहत बना मकान भी, जिला कलेक्टर ने कहा- सरकारी जमीन पर था घर

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlights खरगोन के खसखस वाड़ी इलाके में गिराए गए मकानों में एक मकान पीएम आवास योजना के तहत बना था।परिवार का दावा उसके पास सभी वैध दस्तावेज मौजूद, इसी भूखंड पर घर निर्माण के लिए मिले थे सरकार से पैसे।वहीं जिला कलेक्टर पी अनुग्रह ने कहा- घर सरकारी जमीन पर बना था, जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है।

खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन के खसखस वाड़ी इलाके में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई झड़पों और पत्थरबाजी के बाद जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान को भी ध्वस्त कर दिया गया।
 
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार परिवार के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि बिड़ला मार्ग पर स्थित घर हसीना फाखरू के नाम पर उनके पति के मृत्यु के बाद पंजीकृत किया गया था, जो पीएम आवास योजना के मूल लाभार्थी थे।

यह घर खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा के बाद जिला प्रशासन द्वारा अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई बताकर उठाए गए कदम के तहत ध्वस्त किए गए 12 घरों में से एक है। गौरतलब है कि रविवार को हुई झड़प के बाद शहर के चार स्थानों पर कुल 16 घर और 29 दुकानें ध्वस्त कर दी गईं हैं।

60 साल की हसीना फाखरू ने क्या कहा

मकान की मालकिन 60 साल की हसीना बताती हैं, 'सोमवार की सुबह नगर निगम के कर्मचारियों की एक टीम बुलडोजर के साथ आई थी। उन्होंने मुझे धक्का दिया, बाहर की दीवार पर गोबर मल दिया, जहां लिखा था कि आवास योजना के तहत घर बनाया गया है और घर को मिनटों में ध्वस्त कर दिया।'

उनके बेटे अमजद खान (35) ने कहा कि हसीना और उसका परिवार जिसमें पांच बेटे और दो बेटियां शामिल हैं, पिछले तीन दशकों से अधिक समय से इस भूखंड पर रह रहे थे। हसीना का बेटा एक मजदूर के तौर पर काम करता है।
 
उसने बताया, '2020 तक हम इस प्लॉट पर एक कच्चे घर में रहते थे। 2020 में जब आवास योजना के तहत मंजूरी मिली तो हमने पक्का घर बनाया। हमें सरकार से ढाई लाख रुपये मिले और मकान बनाने के लिए हमने एक लाख रुपये और बचाए।

स्वामित्व की पुष्टि के लिए अमजद ने जो रिकॉर्ड पेश किए उनमें एक संपत्ति कर रसीद, तहसीलदार को एक आवेदन, एक पात्रता हलफनामा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक पत्र है जिसमें उन्हें पीएम आवास योजना का लाभार्थी होने पर बधाई दी गई है। इसके अलावा हसीना की कच्चे घर के बाहर और बाद में नए घर के सामने की तस्वीरें भी हैं।

जिला कलेक्टर ने कहा- सरकारी जमीन पर बना था मकान

हसीन के परिवार के अनुसार रामनवमी पर झड़प से तीन दिन पहले 7 अप्रैल (गुरुवार) को उन्हें नोटिस दिया गया था। इसमें उनसे तीन दिनों के भीतर स्वामित्व का विवरण देने या मकान ढहाए जाने का सामना करने के लिए कहा गया था।

हसीन के बेटे अमजद ने बताया, 'मैं अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर संपत्ति कर दस्तावेज तक सभी पेपर के साथ शुक्रवार को जिला अदालत में एक जवाब टाइप कराने के लिए पहुंचा। हम लेकिन इसे शनिवार या रविवार को कैसे जमा कर सकते थे जब सभी कार्यालय बंद थे? सोमवार को वे बुलडोजर के साथ आए।'

वहीं, अखबार द्वारा संपर्क किए जाने पर जिला कलेक्टर पी अनुग्रह ने कहा, 'लाभार्थी को किसी अन्य भूखंड पर घर के निर्माण के लिए धन दिया गया था लेकिन उन्होंने मकान सरकारी जमीन पर बनाया, जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है। हमने यहां से सिर्फ अतिक्रमण हटाया है।'

हालांकि, अमजद ने कहा- 'हमने इसी भूखंड के लिए आवेदन किया था और उसी भूखंड के लिए घर आवंटित किया था। यदि हमारे पास किसी अन्य भूखंड पर रहने का विकल्प होता, तो हम अपने जीवन भर के बचत को एक अतिक्रमित भूखंड पर क्यों लगाते?'

यह पूछे जाने पर कि रामनवमी पर झड़प के बाद कार्रवाई में इस घर को क्यों गिराया गया जबकि मालिक को एक अलग प्रक्रिया के तहत पहले नोटिस मिला था, कलेक्टर ने कहा- 'खसखस वाड़ी मुख्य दंगा क्षेत्रों में से एक है, बाकी चार्जशीट पर निर्भर करेगा।'

Web Title: Madhya Pradesh Khargone incident bulldozers also demolished house built under PM Awas Yojana

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