मध्य प्रदेश: राज्यपाल लालजी टंडन ने रोका महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का बिल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 7, 2019 03:38 AM2019-10-07T03:38:40+5:302019-10-07T03:39:00+5:30

प्रदेश में इस बार नगरीय निकाय चुनाव में महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होना है. इस संबंध में राज्य सरकार ने अध्याधेश में बदलाव कर दिया है. हालांकि अध्यादेश को अभी तक राजभवन ने मंजूरी नहीं दी है.

Madhya Pradesh: Governor Lalji Tandon stops bill to conduct mayor election through indirect system | मध्य प्रदेश: राज्यपाल लालजी टंडन ने रोका महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का बिल

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन। (फाइल फोटो)

Highlightsमध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के बिल को रोक दिया. इस बिल के रोकने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. राज्य के नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रमुख सचिव संजय दुबे ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य सरकार का रुख स्पष्ट किया है.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के बिल को रोक दिया. इस बिल के रोकने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. राज्य के नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रमुख सचिव संजय दुबे ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य सरकार का रुख स्पष्ट किया है. वहीं आल इंडिया मेयर्स काउंसिल ने इस अध्यादेश का विरोध कर दिया.

प्रदेश में इस बार नगरीय निकाय चुनाव में महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होना है. इस संबंध में राज्य सरकार ने अध्याधेश में बदलाव कर दिया है. हालांकि अध्यादेश को अभी तक राजभवन ने मंजूरी नहीं दी है. वहीं अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली का विरोध कर रही भाजपा ने आल इंडिया मेयर्स काउंसिल के साथ राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर महापौर चुनाव की प्रत्यक्ष प्रक्रिया को यथावत रखने की मांग की है.

नगरीय निकाय चुनावों से जुड़े विधेयकों (बिल) को लेकर राज्यपाल को भेजे गए दो अध्यादेश में से एक को राज्यपाल लालजी टंडन ने मंजूरी दे दी. महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव से जुड़े अध्यादेश को फिलहाल रोक दिया है. वहीं जिस एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, वह पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे से जुड़ा है. यदि किसी भी प्रत्याशी ने हलफनामे में गलत जानकारी दी तो विधानसभा चुनाव की तरह उन्हें 6 माह की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है.

उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग के अप्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया संबंधी प्रस्ताव को पिछले महीने कैबिनेट ने मंजूरी दी थी, इसके तहत प्रदेश में महापौर का चयन निर्वाचित पार्षदों द्वारा किया जाना है. इसी तरह नगर पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन भी पार्षदों द्वारा होना है. इस प्रक्रिया का भाजपा विरोध कर रही है. इस संबंध में भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर निकाय चुनाव की अप्रत्यक्ष प्रक्रिया को मंजूरी नहीं देने की अपील की है.

बिल को न रोके राज्यपाल, गलत परंपरा है

महापौर और अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के बिल को राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा रोके जाने को लेकर जहां सरकार चिंतित है और इस पर मंथन कर रही है. वहीं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राज्यपाल से मांग कि है कि वे इस बिल को न रोकें, यह गलत परंपरा है. तन्खा ने ट्वीट कर कहा कि ‘सम्माननीय राज्यपाल आप एक कुशल प्रशासक थे और है. संविधान में राज्यपाल कैबिनेट की अनुशंसा के तहत कार्य करते है, इसे राज्य धर्म कहते है. विपक्ष की बात सुने मगर महापौर चुनाव बिल नहीं रोके. यह गलत परंपरा होगी. जरा सोचिए.’

Web Title: Madhya Pradesh: Governor Lalji Tandon stops bill to conduct mayor election through indirect system

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