मध्य प्रदेश चुनावः होशंगाबाद में 'ताज' के लिए शिष्य के सामने गुरू की दावेदारी

By राजेंद्र पाराशर | Updated: November 17, 2018 07:50 IST2018-11-17T07:50:01+5:302018-11-17T07:50:01+5:30

होशंगाबाद जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों में सरताज के फैसले का दिखेगा असर

Madhya Pradesh Election: Guru's claim in front of a disciple for 'Taj' in Hoshangabad | मध्य प्रदेश चुनावः होशंगाबाद में 'ताज' के लिए शिष्य के सामने गुरू की दावेदारी

मध्य प्रदेश चुनावः होशंगाबाद में 'ताज' के लिए शिष्य के सामने गुरू की दावेदारी

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में राजनीति के अजेय योद्धा सरताज सिंह के कांग्रेस से प्रत्याशी होने के बाद चुनाव दिलचस्प हो गया है. इस सीट पर सभी की नजरें टिक गई है. सरताज के सामने भाजपा ने उनके शिष्य डा. सीताशरण शर्मा को मैदान में उतारा है. हालांकि वर्तमान में इस जिले के चारों विधानसभा सीटों पर सरताज के दल बदलने का असर दिखाई दे रहा है.

होशंगाबाद जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों होशंगाबाद, सिवनी मालवा, पिपरिया और सोहागपुर में नामांकन वापसी के बाद अब 50 प्रत्याशी मैदान में हैं. चारों विधानसभा क्षेत्रों में इस बार भी भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है, मगर दल बदल के चलते दो सीटों होशंगाबाद और सिवनी मालवा (जहां से सरताज विधायक थे) पर सबके नजरें टिक गई है. 

होशंगाबाद में सरताज सिंह ने कांग्रेस का दामन थामा और प्रत्याशी हो गए, उनके सामने विधानसभा अध्यक्ष और उनके राजनीतिक शिष्य डा. सीताशरण शर्मा मैदान में है. वैसे शर्मा को टिक्कत पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी, जैसे-तैसे वे टिकट पाकर राहत महसूस कर रहे थे कि उनके राजनीतिक गुरु सरताज ने उनकी समस्या को बढ़ा दिया. सरताज के कांग्रेस प्रत्याशी होने के बाद यहां पर अब समीकरण पूरी तरह बदल गया है. डा. शर्मा के भाई गिरजाशंकर जो की भाजपा छोड़ कांग्रेस में गए थे, उन्हें भाई को मजबूत करने के लिए कांग्रेस छोड़कर वापस भाजपा में आना पड़ा. 

बाबूजी के नाम से पहचाने जाने वाले सरताज ने अब भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है. यहां पर उमा भारती और स्मृति ईरानी दो केन्द्रीय मंत्री सभाएं ले चुकी हैं, मगर डा. शर्मा की चिंता अब भी कम होती नजर नहीं आ रही है. वहीं सरताज अपनी पुरानी शैली में मतदाता के बीच पहुंच रहे हैं और उनकी लोकप्रियता भी बरकरार नजर आ रही है. इस सीट पर शिष्य डा. शर्मा चिंंतित हुए हैं और अब वे यह कहते नजर आ रहे हैं कि वे अपने गुरु की हर कमजोरी और ताकत से वाकिफ हूं, मैं उनकी कमजोरी का फायदा उठाऊंगा.

सिवनी मालवा में पूर्व विधायक का विरोध

सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र से सरताज सिंह विधायक रहे हैं. इसी क्षेत्र से उनका टिकट कटता नजर आया तो वे बगावत कर गए. यहां पर भाजपा ने विरोध को थामने के लिए पूर्व विधायक प्रेमशंकर वर्मा को मैदान में उतारा, मगर उनका विरोध तेज हो गया है. चुनाव प्रचार में तेजी न आने के पीछे यही कारण है कि सरताज सिंह के समर्थक कार्यकर्ता और नेता मौन हैं. इसके अलावा वर्मा को टिकट देने से दूसरे टिकट के दावेदारों ने भी मौन साध रखा है. वहीं कांग्रेस ने यहां पर पूर्व मंत्री हजारीलाल रघुवंशी के पुत्र ओम रघुवंशी को टिकट दिया है. सरताज के इस सीट से विदा होने से सबसे ज्यादा खुशी रघुवंशी परिवार में ही नजर आ रही है. हजारीलाल रघुवंशी को सिर्फ यहां पर सरताज सिंह की ऐसे थे जो शिकस्त दे सकते थे.

राजो, सविता की नाराजगी का दिखेगा असर

सोहागपुर विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही के टिकट के दावेदार अब तक नाराज हैं. भाजपा ने विधायक विजयपाल पर भरोसा जताया और मैदान में उतारा है. भाजपा की ओर से प्रवक्ता राजो मालवीय टिकट की दावेदारी कर रही थी, तो कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक सविता दिवान यहां से दावेदारी कर रही थी. कांग्रेस ने इस सीट पर अर्जुन पलिया के पुत्र सतपाल पलिया को मैदान में उतारा है. सतपाल का युवा वर्ग समर्थन कर रहा है तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौन है. मगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की समझाइश के बाद पदाधिकारी मैदान में आए हैं, लेकिन सविता दिवान यहां से ज्यादा बुधनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव के पक्ष में सक्रियता दिखा रही हैं. यहां पर भाजपा प्रत्याशी को अपने ही दल के नेताओं से ज्यादा चिंता बनी हुई है.

अपनों ने चिंतित किया नागवंशी को

पिपरिया में भाजपा ने विधायक ठाकुरदास नागवंशी पर पार्टी ने भरोसा जताया है. इस सीट पर सरताज समर्थक अब तक खुलकर मैदान में नहीं आए हैं. इससे नागवंशी की चिंता बढ़ी है. नागवंशी का यहां स्थानीय स्तर पर विरोध भी है, जिसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है. यहां पर कांग्रेस ने युवा चेहरा हरीश बेमन पर दाव लगाया है. मगर इटारसी मंडी अध्यक्ष रमेश बामने यहां से दावेदार थे, उनकी नाराजगी के चलते कांगे्रस प्रत्याशी की चिंता बढ़ी हुई है. रमेश अभी मैदान में सक्रिय नहीं है. हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह मान रहे हैं कि वे कांग्रेस के पक्ष में मैदान में उतरेंगे.

Web Title: Madhya Pradesh Election: Guru's claim in front of a disciple for 'Taj' in Hoshangabad

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