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मध्य प्रदेश: भोपाल एम्स में शुरू हुआ कोरोना की दवा का ट्रायल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 30, 2020 23:55 IST

एम्स डायरेक्टर डा. सरमन सिंह ने बताया कि मरीजों को 3 ग्रुप में बांटकर ट्रायल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ क्रिटिकल कोरोना पेशेंट को ही दवा दी जा रही है. एक सप्ताह में इसके प्रारंभिक नतीजे सामने आ जाएंगे. इसके बाद कोरोना मरीजों पर दवा के प्रभाव के बारे में अधिकारिक रूप से बयान जारी किया जाएगा.

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ठळक मुद्देमध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एम्स अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों पर माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू दवा के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है.गुरुवार सुबह एम्स के आईसीयू में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित क्रिटिकल मरीजों को पहला डोज देकर इसका ट्रायल शुरू हुआ. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एम्स अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों पर माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू दवा के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है. गुरुवार सुबह एम्स के आईसीयू में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित क्रिटिकल मरीजों को पहला डोज देकर इसका ट्रायल शुरू हुआ. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है. 

उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यह दवा कोरोना को हराने में रामबाण साबित होगी. मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भोपाल एम्स में कोरोना दवाई का ट्रायल शुरू हुआ है. उम्मीद करते हैं कि इसमें सफलता मिलेगी. 

उन्होंने कहा कि मां पीताम्बरा से प्रार्थना करते हैं कि प्रयोग सफल हो. प्लाज्मा थेरेपी से भी उम्मीद जागी है. मिश्रा ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के बाद अब कोरोना संक्रमित मरीजों पर माइकोबैक्टेरियम डब्लूएमडब्लू दवा से इलाज शुरू किया जा रहा है. इससे इंसानों में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे मरीज संक्रमण से खुद-ब-खुद ठीक भी हो जाता है. 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हर मरीज को इंजेक्शन के रूप में दवा के 3 डोज दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ये दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे मरीज खुद-व-खुद ही संक्रमण से ठीक हो जाता है. 

वहीं, इंदौर में प्लाज्मा थेरेपी से चल रहे इलाज को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि 3 दिन से यह प्रयोग अच्छा रहा है. अभी 2 दिन का इंतजार और करना है और यदि 5 दिन बाद इसके परिणाम सफल आते हैं, तो प्रदेश के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि रहेगी.

एम्स डायरेक्टर डा. सरमन सिंह ने बताया कि मरीजों को 3 ग्रुप में बांटकर ट्रायल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ क्रिटिकल कोरोना पेशेंट को ही दवा दी जा रही है. एक सप्ताह में इसके प्रारंभिक नतीजे सामने आ जाएंगे. इसके बाद कोरोना मरीजों पर दवा के प्रभाव के बारे में अधिकारिक रूप से बयान जारी किया जाएगा.

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