Lucknow JPNIC Controversy: उत्तर प्रदेश में लखनऊ के गोमती नगर में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) को लेकर सुबह से हंगामा हो रहा है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पुलिस बल और बैरिकेडिंग की मौजूदगी के बीच पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के आवास पर इकट्ठा होने लगे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज जयप्रकाश नारायण की जयंती पर गोमती नगर स्थित JPNIC का दौरा किए। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दिया था। जेपीएनआईसी पर यादव के दौरे से पहले केंद्र को सील कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि जयप्रकाश नारायण आजादी की लड़ाई में हमारे बड़े नेता थे, स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें सभी पार्टियों के नेताओं का सम्मान प्राप्त है। इसलिए आज उनकी जयंती पर हम प्रतिपक्ष उनका सम्मान करने के लिए उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं।
पिछली बार भी उन्हें(अखिलेश यादव) रोका गया था लेकिन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष वहां गए और माल्यार्पण किया फिर चले आए। मुझे समझ नहीं आता कि केवल माल्यार्पण करने से कौन सा पहाड़ टूट जाता है? या तो उस संस्थान(JPNIC) में कोई गड़बड़ी है जिसे बेचने का प्रयास किया जा रहा है और ये गड़बड़ उजागर न हो इसलिए ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाई करके उन्हें(अखिलेश यादव) जाने से रोका जा रहा है।
समाजवादी पार्टी नेता जूही सिंह ने कहा कि ये सरकार लोकतंत्र से डरती है, आवाजों से डरती है। केवल माल्यार्पण का कार्यक्रम था लेकिन हमें क्यों रोका गया है? क्या ये लोग JPNIC को बेचना चाहते हैं? अखिलेश यादव से डर गए हैं? हमारा संगठन यहां है... हम कोशिश करेंगे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ माल्यार्पण कर सकें।
समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने खुद को जंजीरों में बांधकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आज अखिलेश यादव गोमती नगर स्थित JPNIC का दौरा करने वाले हैं। उनके आवास के बाहर पुलिस बैरिकेडिंग कर दी गई है, जबकि जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को सील कर बैरिकेडिंग कर दी गई है।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया है कि गोमती नगर में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) के द्वार कथित तौर पर टिन की चादरों से ढक दिए, ताकि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को वहां आने से रोका जा सके। शुक्रवार यानी 12 अक्टूबर को समाजवादी नेता की जयंती है।
पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था। सपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कुछ श्रमिक जेपीएनआईसी के मुख्य द्वार के सामने टिन की चादरें लगाते नजर आ रहे हैं और पार्टी ने इस कदम की निंदा की।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर पार्टी ने कहा, ‘‘निकम्मी भारतीय जनता पार्टी सरकार, लोकतंत्र पर निरंतर प्रहार कर रही है।’’ पार्टी ने अवरोधक लगाने को भाजपा की ‘‘गंदी राजनीति’’ का नमूना बताया। सपा ने कहा, ‘‘इस जनविरोधी सरकार ने लखनऊ में बने जेपीएनआईसी जैसे विकास कार्य को बर्बाद करके महापुरुषों का अपमान किया है। समाजवादी इन तानाशाहों के आगे झुकेंगे नहीं।’’
अखिलेश यादव ने भी ‘एक्स’ पर यही वीडियो साझा कर कहा, ‘‘किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।’’ जेपीएनआईसी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था। हालांकि, 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया। इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्या केंद्र (संग्रहालय) के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं।