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रावण की पूजा के लिए प्रसिद्ध शिव मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित, दशहरा के बाद राम-रावण की साथ पूजा होगी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: January 23, 2024 15:12 IST

मान्यता है कि रावण के पिता ऋषि विश्रवा बिसरख गांव में ही अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा किया करते थे। इस गांव में महान शिवभक्त के रूप में रावण की बहुत ज्यादा इज्जत की जाती है।

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ठळक मुद्दे रामलला के नवीन विग्रह की 'प्राण-प्रतिष्ठा' 22 जनवरी को की गईबिसरख गांव में हान शिवभक्त के रूप में रावण की बहुत ज्यादा इज्जत की जाती हैऐतिहासिक मंदिर में पहली बार भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई

नोएडा: अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की 'प्राण-प्रतिष्ठा' 22 जनवरी को की गई। करोड़ों लोग विभिन्न माध्यमों से इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के साक्षी बने। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह के समारोह आयोजित किए गए। हालांकि इन सबमें सबसे खास बात देखने को मिली उत्तरप्रदेश के नोएडा में। 

दरअसल अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार, 22 जनवरी को  प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही नोएडा के पास स्थित उस ऐतिहासिक मंदिर में भी पहली बार भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई जहां रावण की पूजा की जाती है। यह प्राचीन शिव मंदिर बिसरख गांव में स्थित है, जिसे स्थानीय लोग रावण का जन्मस्थान मानते हैं। 

इस मंदिर के मुख्य पुजारी ने पीटीआई भाषा से बात करते हुए कहा कि पहली बार मंदिर परिसर में भगवान राम के साथ-साथ सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्तियां पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित की गईं।  मंदिर में 40 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे पुजारी ने कहा कि ये मूर्तियां राजस्थान से लाई गई हैं। 

बिसरख गांव को लंका के राजा रावण का जन्मस्थान माना जाता है। इस गांव के लोग अब तक रावण को पूजते थे। यहां तक कि इस गांव में  रावण के सम्मान के प्रतीक के रूप में दशहरा नहीं मनाया जाता है। लेकिन जब 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो सदियों की परंपरा टूट गई।  'प्राण प्रतिष्ठा' के बाद यहां भगवान का भजन और गायन हुआ और  जुलूस भी निकाला गया।

मान्यता है कि रावण के पिता ऋषि विश्रवा बिसरख गांव में ही अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा किया करते थे। इस गांव में महान शिवभक्त के रूप में रावण की बहुत ज्यादा इज्जत की जाती है। गांव के लोग इस साल दशहरे में भगवान राम की मूर्ति के साथ ही रावण की मूर्ति की स्थापना करने वाले हैं। ऐसे में ये दुनिया का पहला मंदिर होगा जहां राम और रावण की पूजा एक साथ की जाएगी।

अयोध्या में राम मंदिर के कपाट खुले

23 जनवरी, मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर के कपाट  आम जनता के लिए खुल गए। एक दिन पहले इस नवनिर्मित मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ की गयी थी। स्थानीय और अन्य राज्य के लोगों समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु सोमवार देर रात को ही मंदिर परिसर की ओर जाने वाले राम पथ पर मुख्य द्वार के समीप एकत्रित हो गए थे। हालांकि इस दौरान काफी भीड़ हो गई जिसे नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए।

(भाषा इनपुट के साथ) 

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