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जनता दल की तर्ज पर समाजवादी दलों का कुनबा फिर तैयार करने की कवायद, राजद, जदयू , आईएनएलडी और जेडीएस के साथ आने के संकेत, सपा और रालोद से कोई बातचीत नहीं

By शरद गुप्ता | Updated: January 6, 2023 20:30 IST

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की अस्वस्थता और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के कम अनुभव के कारण विलय से बनने वाले दल का नेतृत्व बिहार  के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही करेंगे.

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ठळक मुद्देबिहार सरकार की बागडोर तेजस्वी यादव के हाथ थमाएंगे.लालू प्रसाद और तेजस्वी को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह बदलने का अधिकार दे दिया गया था.एचडी देवगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जनता दल एस के भी विलय पर बातचीत शुरू हो गई है.

नई दिल्लीः अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव के लिए समाजवादी कुनबा जोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है. यह 1977 की जनता पार्टी या 1989 के जनता दल के तर्ज पर ही तैयार होगा. इन पार्टियों के घटक दलों के आपस में विलय से ही तैयार होगा वह मोर्चा जो कई राज्यों में भाजपा को टक्कर दे पाएगा.

सबसे पहले बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन के अहम घटक दल जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल का आपस में विलय करने की तैयारी है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की अस्वस्थता और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के कम अनुभव के कारण विलय से बनने वाले दल का नेतृत्व बिहार  के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही करेंगे. इसके बाद वे बिहार सरकार की बागडोर तेजस्वी यादव के हाथ थमाएंगे.

इस बात के संकेत नीतीश कई बार दे चुके हैं. हाल ही में दिल्ली में हुई राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर लालू प्रसाद और तेजस्वी को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह बदलने का अधिकार दे दिया गया था. लालू प्रसाद के सबसे विश्वस्त राजद नेता भोला यादव ने यह प्रस्ताव रखा था. इससे भी दोनों पार्टियों के विलय के संकेत मिले.

वहीं जनता दल यू और कर्नाटक की एचडी देवगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जनता दल एस के भी विलय पर बातचीत शुरू हो गई है. फिलहाल जीडीएस के पास एक लोकसभा और  राज्य सभा सीट है और 224 सदस्यों वाली विधानसभा में उनके केवल 37 विधायक हैं.

दरअसल जनता दल के दक्षिण कर्नाटक में मजबूत है जबकि जनता दल यू को उत्तर कर्नाटक में समर्थन मिलता रहा है. दोनों के विलय से जेडीएस को मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है. इस मोर्चे में हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाला इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) भी शामिल हो सकता है. उनसे भी नीतीश कुमार की बातचीत शुरू हो चुकी है. उनके भतीजे दुष्यंत चौटाला की बगावत के बाद आईएनएलडी के पास केवल एक विधानसभा सीट बची है.

इनसे अभी बात नहींअभी उड़ीसा की बीजू जनता दल, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल से कोई बातचीत नहीं हुई है. लेकिन नीतीश कुमार से जुड़े सूत्रों का मानना है कि जैसे-जैसे जनता परिवार बड़ा होगा वैसे वैसे अन्य पार्टियों को इसमें जुड़ने में लाभ दिखाई देगा. 

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