नई दिल्ली: देश में दादरा व नगर हवेली सहित लोकसभा की तीन और 13 राज्यों में फैली विधानसभा की 29 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए आज मतदान होगा। मतदान प्रक्रिया के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के साथ ही कोविड बचाव उपाय भी सुनिश्चित किए गए हैं।
दादरा व नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश के मंडी और मध्य प्रदेश के खंडवा में लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। वहीं, जिन 29 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें असम में पांच, पश्चिम बंगाल में चार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश तथा मेघालय में तीन-तीन, बिहार, राजस्थान और कर्नाटक में दो-दो जबकि आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम तथा तेलंगाना की एक-एक सीट शामिल है।
अधिकतर सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा। मतगणना दो नवंबर को होगी।
नगालैंड की शमातोर-चेसोर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव की घोषणा की गई थी। हालांकि, क्षेत्रीय दल नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के उम्मीदवार को 13 अक्टूबर को निर्विरोध विजयी घोषित किया गया था।
लोकसभा की तीन सीटों पर सदस्यों के निधन के चलते उपचुनाव हो रहे हैं। वहीं, कुछ विधानसभा सीटों पर विधायक के निधन के कारण जबकि कई सीटों पर विजयी उम्मीदवार के दल बदलने के लिए इस्तीफा देने के कारण सीट रिक्त हुईं।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की चारों सीटों पर कुल 48 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इन चार सीटों में से खंडवा लोकसभा सीट सहित दो सीटों पर भाजपा का कब्जा था, जबकि बाकी दो सीट कांग्रेस के पास थीं।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों में सबकी निगाहें दिनहाटा सीट पर होंगी क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता उदयन गुहा इस सीट पर फिर से जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अप्रैल में हुए चुनाव में भाजपा ने उनसे छीन ली थी।
अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में दिनहाटा से जीत हासिल करने वाले और अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने अपनी लोकसभा सदस्यता बरकरार रखते हुए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। प्रमाणिक ने विधानसभा चुनाव में गुहा को 57 मतों को मामूली अंतर से हराया था।
इनके अलावा जिन तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें नदिया जिले की शांतिपुर, उत्तर 24 परगना की खरदा और दक्षिण 24 परगना की गोसाबा सीट शामिल है। शांतिपुर में भी, भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी।
तेलंगाना
जून में इटाला राजेंद्र के इस्तीफे के बाद हजूराबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जरूरत उत्पन्न हुई। उन्होंने जमीन हथियाने के आरोपों के बीच मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाये जाने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
आरोपों से इनकार कर चुके राजेंद्र ने टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति)से नाता तोड़ लिया और अब वह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।
इस उपचुनाव में 30 प्रत्याशी हैं । लेकिन मुख्य मुकाबला टीआरएस के गेल्लू श्रीनिवास यादव, भाजपा के राजेंद्र और कांग्रेस के वेंकट बालमूरी के बीच है।
राजेंद्र के लिए यह उपचुनाव ‘करो या मरो’जैसा है और उनकी पार्टी के लिए भी बड़ा अहम है जो 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले टीआरएस के विकल्प के रूप में उभरने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
असम
गुसाईंगांव और तामुलपुर के विधायकों के निधन के बाद वहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी, वहीं भबानीपुर, मरियानी तथा थोवरा के विधायकों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।