लोकमत समाचार हर साल दिवाली पर अलग-अलग विधाओं की स्तरीय रचनाएं प्रकाशित करता है। इस साल भी लोकमत समाचार दीप भव 2019 के साथ हाजिर है। केवल नौ वर्षों की अवधि में लोकमत समाचार की रचना वार्षिकी दीपभव ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। देश के जाने माने लेखकों की कलम से दीपभव आकार लेता है। यहां पढ़िए दीप भव की कुछ चुनिंदा कहानियों के रोचक अंश।अगर आपको यह अंक पसंद आ रहा है तो इसे घर बैठे ऑर्डर भी कर सकते हैं। पढ़िए इस अंक की कुछ विशेष रचनाओं की झलकियां...
रंगीनियत का चक्रव्यूह थाईलैंड - विकास मिश्र
सरेआम कोई लड़की आपसे कहती है 'आप इतने स्मार्ट क्यों हो?' उसकी अदा पर आप निछावर हो जाना चाहते हैं। रंगीनियत की यह दुनिया तेजी से आपको अपने आगोश में लेने लगती है... आप होश खोने लगते हैं...!
एक तवायफ की सच्ची अनोखी प्रेम कहानी - अरुण सिंह
ऐसा रूहानी प्रेम जो सिर्फ किस्से कहानियों में सुनने को मिलता है। जिसमें वासना नहीं होती और जिसकी कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती। पढ़िए ऐसी ही प्रेम की अनोखी मिसाल.
सुल्ताना डाकू या राबिनहुड- अरविंद कुमार सिंह
पुलिस और शासक वर्ग जिसके नाम से आम लोग कांपते थे, वे सुल्ताना के नाम से आतंकित हो जाते थे। वही सुल्ताना गांव-गांव में किस्से कहानियों का नायक भी बना. आखिर क्या थी उसकी हकीकत?
भारतीय वायुसेना 2020- सारंग थत्ते
देश की सुरक्षा का एक बेहद अहम हिस्सा हमारी वायसेना के पंखों पर है। 1932 में 6 भारतीय अधिकारी, 19 हवाई सिपाहियों और चार वेस्टलैंड वापिती दो पंखों के जहाजों के साथ यह कारवां धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ाता गया।
अंगारों पर सोई जवानी - राजेश बादल
आज यह सुनकर अफसोस होता है, जब नई नस्ल सवाल करती है कि उन्हें इस देश ने क्या दिया? असंख्य कुर्बानियों के बाद हमें आजादी मिली है। नए जमाने को उस संघर्ष की तासीर पता नहीं है...
दो पहियों पर जिंदगी का ख्वाब- अमिताभ श्रीवास्तव
देश और विदेश में वाहनों की एक अलग दुनिया है, जिसमें हर समय एक नए वाहन का इतंजार रहता है। मगर इस बदले माहौल के बीच में कुछ पुराने वाहनों की पूरी लगन के साथ संभाल ही नहीं रहे हैं बल्कि उनके संरक्षण और पहचान को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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