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Lokmat Parliamentary Awards 2023: 'नेताओं की गुणवत्ता लोकतंत्र का गौरव बढ़ा रही है', मुख्य अतिथि नितिन गडकरी ने कहा- "आज हमारी समस्या मतभेद नहीं, विचारों की शून्यता है..."

By अंजली चौहान | Updated: February 6, 2024 17:16 IST

‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों का पांचवां पुरस्कार समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए और उन्होंने अपने हाथों से सांसदों को पुरस्कार दिया।

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Lokmat Parliamentary Awards 2023: सर्वाधिक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों का पांचवां पुरस्कार समारोह आज दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हाथों पुरस्कारों का वितरण किया गया। आठ अलग-अलग श्रेणियों में इस साल यानी 2023 के ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों के लिए 8 सांसदों का चयन किया गया है। पुरस्कार वितरण समारोह मंगलवार को नई दिल्ली में जनपथ रोड पर स्थित डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हो रहा है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "आज गौरवपूर्ण लोकतंत्र को आगे बढ़ाने में हमारे सांसदों की गुणवत्ता है लेकिन आज हमारी समस्या नेताओं के बीच मतभेद नहीं बल्कि विचारों की शून्यता है।" केंद्रीय मंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा, "मैंने अटल जी से सीखा है कि नेताओं के बीच मतभेद होना चाहिए यह अच्छा है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए।"

बता दें कि लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड समिति के अध्यक्ष एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव एवं संविधान विशेषज्ञ डॉ. सुभाष कश्यप की अध्यक्षता वाली जूरी ने संसदीय पुरस्कारों के लिए राज्यसभा और लोकसभा से चार-चार सांसदों का चयन किया। इस जूरी में लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, सांसद भवतृहरि महताब, सांसद सी. आर. पाटिल, सांसद एन. के. प्रेमचंद्रन, सांसद तिरुचि शिवा, सांसद डॉ. रजनी पाटिल, एबीपी न्यूज के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव खांडेकर और लोकमत समूह के राष्ट्रीय संपादक हरीश गुप्ता शामिल थे।

‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों के विजेताओं का चयन करने के लिए जूरी पैनल ने वर्ष 2023 के दौरान लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में सभी सांसदों के प्रदर्शन का अध्ययन किया। संसद के दोनों सदनों में सांसदों के सकारात्मक प्रदर्शन की समीक्षा करने और उन्हें वर्ष के दौरान प्रोत्साहित करने के लिए 2017 में ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार की अवधारणा अस्तित्व में आई। तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पुरस्कार प्रदान किए। उसके बाद कोरोना संकट के कारण वर्ष 2020 और 2021 में पुरस्कार समारोह आयोजित नहीं किया जा सका। 2022 के विजेता सांसदों को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

पिछले विजेता

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, ‘भारत रत्न’ लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, स्व. मुलायम सिंह यादव, गुलामनबी आजाद, भातृहरि महताब, सौगत राय, स्व. शरद यादव, सीताराम येचुरी, जया बच्चन, तिरुचि शिवा, निशिकांत दुबे, सुप्रिया सुले, हेमामालिनी, भारती पवार, सुष्मिता देव, मीनाक्षी लेखी, डॉ. रजनी पाटिल, डेरेक ओ’ब्रायन, वंदना चव्हाण, मनोज झा, असदुद्दीन ओवैसी, तेजस्वी सूर्या, लॉकेट चटर्जी, एन. के. प्रेमचंद्रन, रमा देवी, कनिमोली, छाया वर्मा, विप्लव ठाकुर, कहकशा परवीन को ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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