लोकमत स्वर्ण महोत्सवः आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले-संस्कृति हम सबको जोड़ती, हम सभी को मिलकर साथ चलना होगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2022 08:10 PM2022-02-06T20:10:46+5:302022-02-06T20:13:55+5:30
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यहां विविधता में एकता है और एकता में विविधता है।
नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धर्म से कभी चूक मत करो। उसकी परंपरा को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। ये हमारी संस्कार है। संस्कार से बढ़कर कुछ नहीं है। संस्कार और संस्कृति की हमें रक्षा करनी है।
संस्कृति हम सबको जोड़ती है। संपूर्ण समाज का ख्याल रखना है। इंसानियत की रक्षा करनी होगी। डॉ. भागवत इस दौरान ‘हिंदुत्व एवं राष्ट्रीय एकता’ विषय पर अपने विचार रखें। लोकमत के नागपुर संस्करण के स्वर्ण महोत्सव में विचार रखें।
मोहन भागवत ने कहा है कि विश्व गुरु भारत के निर्माण के लिए हम सभी को मिलकर साथ चलना होगा। हम सभी को अपने पूर्वजों के उपदेशों को स्मरण करना है। हमारे पूर्वजों के पुण्य का स्मरण करा देने वाले इस क्षेत्र में संकल्प लेना है कि संपूर्ण विश्व को शांति सुख प्रदान करा देने वाला विश्वगुरु भारत गढ़ने के लिए हम सुर में सुर मिलाकर एक ताल में कदम से कदम मिलाकर सौहार्द और समन्वय के साथ आगे बढ़ेंगे।
‘‘सत्यमेव जयते नानृतम्। सत्य की ही जीत होती है, असत्य की नहीं। झूठ कितनी भी कोशिश कर लेकिन झूठ कभी विजयी नहीं होता है।’’ भागवत ने कहा कि यहां विविधता में एकता है और एकता में विविधता है। भारत ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा। पूर्व में हमारे पूर्वज यहां से पूरी दुनिया में गए और उन्होंने वहां के देशों को अपना धर्म (सत्य) दिया।
लेकिन हमने कभी किसी को बदला नहीं, जो जिसके पास था उसे उसके पास ही रहने दिया। हमने उन्हें ज्ञान दिया, विज्ञान दिया, गणित और आयुर्वेद दिया तथा उन्हें सभ्यता सिखाई। इसलिए हमारे साथ लड़ने वाले चीन के लोग भी यह कहते हुए नहीं सकुचाते कि भारत ने 2000 वर्ष पूर्व ही चीन पर अपनी संस्कृति का प्रभाव जमाया था, क्योंकि उस प्रभाव की याद ही सुखद है दुखद नहीं है।’’