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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'कोविड-19 के बावजूद मॉनसून सत्र समय पर होने की उम्मीद'

By भाषा | Updated: May 10, 2020 20:31 IST

बिरला की पहल पर लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है ताकि लॉकडाउन के बीच राज्य अपने फंसे हुए लोगों की मदद के लिहाज से आपस में समन्वय से काम कर सकें।

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ठळक मुद्दे पिछले साल मॉनसून सत्र 20 जून से सात अगस्त तक चला था।बिरला की पहल पर लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण संसद का आगामी सत्र देरी से शुरू होने संबंधी आशंकाओं के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि संसद का मॉनसून सत्र समय पर होने की संभावना है, जो सामान्य तौर पर जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू होता है। पिछले साल मॉनसून सत्र 20 जून से सात अगस्त तक चला था।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 के कारण यह परीक्षा की घड़ी है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्र सामान्य रूप से होने की संभावना है। बिरला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कोविड-19 के संकट के बावजूद मुझे उम्मीद है कि सत्र समय पर हो सकता है। लेकिन यह उस समय मौजूदा हालात पर भी निर्भर करेगा।’’

जून-जुलाई में भी सामाजिक दूरी बनाकर रखने के सख्त नियम लागू होने की स्थिति में भी सत्र के आयोजन के सवाल पर बिरला ने कहा कि ऐसी स्थिति आने पर कोई रास्ता निकाला जा सकता है। बिरला की पहल पर लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है ताकि लॉकडाउन के बीच राज्य अपने फंसे हुए लोगों की मदद के लिहाज से आपस में समन्वय से काम कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रयोग बहुत सफल हुए हैं और विभिन्न राज्यों के जन प्रतिनिधि एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं और दूसरे स्थानों पर फंसे हुए अपने क्षेत्रों के लोगों की मदद कर रहे हैं।

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सभी दलों के सांसदों ने जनता से संपर्क साधा और लॉकडाउन में उनकी मदद की। उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए और मैं उन्हें शुक्रिया अदा करता हूं।’’ संकट से प्रभावी तरीके से निपटने में देश के केंद्रीय नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए बिरला ने कहा, ‘‘परीक्षा की इस घड़ी में हमारे देश के नेतृत्व को जनता से समर्थन मिला और उसने भी हालात को पूरी तत्परता से संभालकर जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम किया।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी हालात को बहुत अच्छे तरीके से संभाला है। विशेषज्ञों की राय है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण संसद का मॉनसून सत्र सितंबर के अंतिम सप्ताह तक टल सकता है । संविधान में संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने के अंतराल की अनुमति है। कोविड-19 महामारी के कारण बजट सत्र निर्धारित कार्यक्रम से 10 दिन पहले ही 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

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