लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, "संसद समेत विधायी निकायों के लोक प्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा में तेजी से कमी आ रही है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 22, 2023 09:52 AM2023-08-22T09:52:54+5:302023-08-22T09:55:47+5:30

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद के समाप्त हुए हंगामेदार मानसून सत्र के बाद इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि संसद से लेकर अन्य किसी सभी निकायों में जन प्रतिनिधियों द्वारा किये जाने वाले आचरण से उनकी छवि जनता के बीच धूमिल हो रही है।

Lok Sabha Speaker Om Birla said, "Reputation of public representatives of legislative bodies including Parliament is fast eroding" | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, "संसद समेत विधायी निकायों के लोक प्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा में तेजी से कमी आ रही है"

फाइल फोटो

Highlightsलोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला संसद समेत अन्य निकायों के जन प्रतिनिधियों की कार्यशैली पर हुए चिंतितसदन में जन प्रतिनिधियों द्वारा किये जाने वाले आचरण से उनकी छवि जनता के बीच धूमिल हो रही हैयह तब ठीक होगा, जब मतदाता विधायी निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों के आचरण पर सवाल उठायेगा

उदयपुर: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद के समाप्त हुए हंगामेदार मानसून सत्र के बाद इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि संसद से लेकर अन्य किसी सभी निकायों में जन प्रतिनिधियों द्वारा किये जाने वाले आचरण से उनकी छवि जनता के बीच धूमिल हो रही है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को राजस्थान के उदयपुर में 9वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि संसद के लेकर विभिन्न निकायों में जन प्रतिनिधियों की कार्यशैली चिंताजनक है और जब मतदाता विधायी निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों के आचरण पर सवाल उठाना शुरू कर देंगे तो उनके द्वारा सदन में पैदा किये जाना वाला व्यवधान समाप्त हो जाएगा।

इसके साथ ओम बिड़ला ने डिजिटल विधायिका पर जोर देते हुए कहा कि जन प्रतिनिधियों को देश या राज्य के लिए बनने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर "सकारात्मक" मानसिकता के साथ भाग लेना चाहिए और बिना कारण के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों द्वारा किये जाने वाले व्यवधानों और असंसदीय व्यवहार के कारण विधायी निकायों की प्रतिष्ठा बेहद तेजी से कम हो रही है।

उन्होंने कहा, ''हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं को और अधिक जवाबदेह बनाना होगा। लेकिन दुखद है कि विधायी निकायों की प्रतिष्ठा तेजी से कम हो रही है। हमें सोचना होगा कि सदन में व्यवधान को कैसे कम कर सकते हैं? और यह तभी होगा जब मतदाता अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से सदन में उनके आचरण के बारे में सवाल करना शुरू कर देंगे।"

लोकसभा अध्यक्ष ने संसद और देश की सभी विधान सभाओं के लिए डिजिटल कार्य पद्धति अपनाने के संबंध में जोर देते हुए कहा, "विधायी सदनों में डिजिटल कार्यशाली लोगों को इस बारे में अधिक जागरूक बना सकती है कि उनके प्रतिनिधि सदन में कैसे कार्य कर रहे हैं।"

बिड़ला ने जनता के लिए बेहतर जानकारी के लिए अधिक प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर देते हुए कहा, "अगर आरटीआई कार्यकर्ताओं के पास सदनों के कामकाज के बारे में हमसे अधिक जानकारी है, तो यह चिंता का विषय होगा। इसलिए विधायी निकायों के कामकाज के बारे में सभी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होनी चाहिए ताकि जनता निर्बाध तरीके से जानकारी ले सके न कि उसे आरटीआई के जरिये प्रश्न करने पड़ें।"

Web Title: Lok Sabha Speaker Om Birla said, "Reputation of public representatives of legislative bodies including Parliament is fast eroding"

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे