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लोकसभा चुनावः वंशवाद के लिए चर्चित पहला चरण पूरा, अब दूसरे चरण में जातिवाद पर जंग?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: May 1, 2019 05:35 IST

झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर बड़ी सतर्कता और सक्रियता के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नजर बनाए रखी, तो बाड़मेर में मानवेन्द्र सिंह को घेरने में बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन चुनावी नतीजों में ही यह साफ होगा कि जनता ने किसकी बात मानी.

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राजस्थान में वंशवाद के लिए चर्चित पहला चरण पूरा हुआ, अब दूसरे चरण में 6 मई को जातिवाद पर चुनावी जंग होगी. पहले चरण में वैसे तो 13 सीटों पर मतदान हुआ, लेकिन वंशवाद पर फोकस होने के कारण तीन सीटों की खासी चर्चा रही. सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के कारण जोधपुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह के कारण झालावाड़, तो बीजेपी के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह के कारण बाड़मेर पर राजनेताओं का विशेष ध्यान रहा. जोधपुर में तो पीएम मोदी ने सीएम अशोक गहलोत पर अमर्यादित आक्रामक तरीके से सियासी हमला भी किया.

झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर बड़ी सतर्कता और सक्रियता के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नजर बनाए रखी, तो बाड़मेर में मानवेन्द्र सिंह को घेरने में बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन चुनावी नतीजों में ही यह साफ होगा कि जनता ने किसकी बात मानी.

अब जिन शेष 12 सीटों पर 6 मई को वोट डाले जाएंगे, वे हैं- जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, गंगानगर, बीकानेर, सीकर, चूरू, झुंझुनू, दौसा, नागौर, भरतपुर, धौलपुर-करौली और अलवर. इन क्षेत्रों में जातिवाद का समीकरण विशेष महत्व रखता है. कहीं जाट वोट निर्णायक हैं, तो कहीं दलित और कहीं मीणा. हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही दलों ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए ही टिकट दिए हैं, लेकिन बसपा जैसे दलों की चुनाव में मौजूदगी इनकी हार-जीत को प्रभावित कर सकती है.

जाट समाज के खास असर वाले नागौर के अलावा शेखावाटी क्षेत्र की तीन सीटों- सीकर, चूरू और झुंझुनुं पर भी 6 मई को मतदान होगा. नागौर की सीट बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल को दे दी है, जहां उनके और कांग्रेस की ज्योति मिर्धा के बीच सीधा मुकाबला है. 

उधर, पूर्वी राजस्थान के दौसा, करौली-धौलपुर, सवाईमाधोपुर जिलों में मीणा वोट निर्णायक हैं. एसटी के लिए सुरक्षित दौसा सीट पर दोनों ही दलों ने महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है. जहां बीजेपी से जसकौर मीणा, तो कांग्रेस से सविता मीणा चुनावी मैदान में हैं.

राजस्थान में दूसरे चरण के चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए तो चुनौती हैं ही, अपनी जाति में विशेष प्रभाव रखने वाले किरोड़ीलाल मीणा, हनुमान बेनीवाल, मायावती आदि के लिए भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं हैं!

टॅग्स :लोकसभा चुनावराजस्थानवसुंधरा राजेअशोक गहलोत
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