श्रीनगर: कल लोकसभा सीटों के पहले चरण की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश में सियासी हलचल ने जोर पकड़ लिया है। पहले चरण में उधमपुर लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है। इसके लिए इस संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे डा जितेंद्र सिंह ने आज कठुआ में अपना नामांकन भरा। उन्होंने हैट ट्रिक बनाने की उम्मीद तो जताई है पर इसी सीट पर कांग्रेस द्वारा चौधरी लाल सिंह को मैदान में उतारने के कारण मुकाबला कांटे का हो गया है।
उधमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार डा जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कठुआ के जिला उपायुक्त कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना, ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह व अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे। कठुआ के कालीबाड़ी में रोड शो करते हुए बड़ी संख्या में भाजपा समर्थकों के साथ जितेंद्र सिंह उपायुक्त कार्यालय के करीब पहुंचे।
नामांकन भरने के बाद कठुआ शहर के रामलीला मैदान में उन्होंने एक रैली को संबोधित भी किया। डा जितेंद्र सिंह पर भाजपा ने तीसरी बार भरोसा जताया है। इससे पहले 2014 व 2019 में वह इसी लोकसभा सीट से विजयी हुए हैं और पीएमओ मंत्री रहे हैं।
वहीं, अपना नामांकन दाखिल करने से पहले जितेंद्र सिंह ने सुबह जम्मू स्थित अपने घर पर पूजा की। पर इस सीट पर मुकाबला कांटे का लगने लगा है क्योंकि पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस से दो बार सांसद रह चुके चौधरी लाल सिंह का गुरुवार को जम्मू पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ जो कल ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं और कांग्रेस उन्हें डा जितेंद्र सिंह के मुकाले उतार रही है। बुधवार को लगभग 10 साल के बाद फिर लाल सिंह ने कांग्रेस में वापसी की थी। इन दस सालों में वह भाजपा के साथ रहे। विधायक बन कर प्रदेश में मंत्री भी रहे। फिर भाजपा से अलग होकर खुद की पार्टी डोगरा स्वाभिमान संगठन बनाई। अब एक बार फिर कांग्रेस से हाथ मिलाया है।
चौधरी लाल सिंह ने कांग्रेस की टिकट से उधमुपर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस की ओर से इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा किया जाना अभी बाकी है। लाल सिंह 2004 और 2009 में उधमपुर की सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। अगर कांग्रेस एक बार फिर लाल सिंह को उधमपुर सीट से मैदान में उतारती है तो इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा।
इस बीच जेल में बंद इंजीनियर रशीद को अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) ने उत्तरी कश्मीर की बारामुल्ला लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। रशीद द्वारा स्थापित एआईपी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने बताया कि सर्वसम्मति से पार्टी प्रमुख को लोकसभा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का निर्णय लिया गया है।
पार्टी प्रवक्ता फिरदौस बाबा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चुनाव से पहले उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वह तिहाड़ जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। बाबा ने कहा कि दोषी न ठहराए जाने तक संविधान किसी भी आरोपी को चुनाव लड़ने की इजाजत देता है। रशीद को एनआईए ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को रद्द करने से दो दिन पहले गिरफ्तार किया था और बाद में यूएपीए की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।