लखनऊः राज्यसभा चुनावों में मात के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के लिहाज से आजमगढ़ की किलेबंदी में जुट गए हैं. इसके लिए आजमगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को आज अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल किया जाएगा. आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट से दो बार बसपा के टिकट पर विधायक रहे चुके गुड्डू जमाली के दो साल पहले आजमगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा के टिकट पर गुड्डू जमाली के चुनाव मैदान में उतरने से सपा के धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए थे. अब गुड्डू जमाली को सपा की सदस्यता दिलाकर अखिलेश यादव आजमगढ़ के अपने गढ़ को मजबूत करने में जुट गए हैं.
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आजमगढ़ के मुबारकपुर के रहने वाले एक बड़े बिजनेसमैन हैं. वर्ष 2012 और वर्ष 2017 से वह बसपा के सिंबल पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. नवंबर, 2021 में गुड्डू जमाली ने बसपा के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.
तब उनके सपा के टिकट पर मुबारकपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन अखिलेश यादव ने अपने सहयोगी दलों के दबाव में उन्हें प्रत्याशी घोषित करने के बजाय सपा ने स्थानीय नेता को टिकट दिया था. इसके बाद गुड्डू जमाली एआईएमआईएम से मुबारकपुर से विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन चौथे स्थान पर रहे.
इस हार से सबक लेते हुए गुड्डू जमाली बसपा में शामिल हो गए. वर्ष 2022 में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में गुड्डू जमाली बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़े. जबकि अखिलेश यादव ने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को इस चुनाव में उतारा.
अब मजबूत होगा सपा का किला
अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के कारण हुए इस उप चुनाव में आजमगढ़ सीट सपा के हाथ से निकल गई थी. धर्मेंद्र यादव की हार के पीछे गुड्डू जमाली सबसे बड़ी वजह बने थे, उन्हे इस उपचुनाव में 2,66,210 वोट मिले. जबकि भाजपा के दिनेश लाल निरहुआ 3,12,768 वोट और सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट मिले.
गुड्डू जमाली को अगर बसपा ने चुनाव मैदान में उतारा नहीं होता तो इस सीट से सपा की जीत हो सकती थी. खैर गुड्डू जमाली के सपा में आने से अब इस तरह का कोई खतरा सपा को नहीं रहेगा क्योंकि सपा के इस मजबूत गढ़ को भेदने के लिए भाजपा और बसपा के पास कोई मजबूत नेता नहीं है.
गुड्डू जमाली पसमांदा मुस्लिम समाज से आते हैं. इसलिए सपा उन्हें मार्च में होने वाले चुनाव में विधान परिषद भेजकर एक मुस्लिम समाज की चिंता करने वाली पार्टी होने का संदेश देना चाहती है. ताकि भाजपा द्वारा पसमांदा मुस्लिमों को अपनी तरफ लाने के चले जा रहे दांव को तोड़ जा सके.
सपा नेताओं का कहना है कि गुड्डू जमाली के सपा में आने से भाजपा के दुष्प्रचार को रोका जा सकेगा और आजमगढ़ को सपा का मजबूत किला बनाया जा सकेगा. इसलिए आजमगढ़ सीट फिर जीतने की रणनीति के साथ गुड्डू जमाली को सपा में लाया जा रहा है.