Lok Sabha Elections 2024: शिरोमणि अकाली दल ने 'ऐलान-नामा' में कहा, "पाकिस्तान से करतारपुर साहिब को वापस लेंगे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 19, 2024 13:36 IST2024-05-19T13:32:23+5:302024-05-19T13:36:01+5:30
शिरोमणि अकाली दल ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया और कहा कि वह पाकिस्तान के साथ भूमि विनिमय का समझौता करके करतारपुर साहिब को पाकिस्तान से भारत में ले आयेगा।

फाइल फोटो
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल ने बीते शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया और कहा कि वह पाकिस्तान के साथ भूमि विनिमय का समझौता करके करतारपुर साहिब को पाकिस्तान से भारत में ले आयेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अमुसार पंजाब में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनकी पार्टी चंडीगढ़ और राज्य से बाहर रह गए अन्य पंजाबी भाषी क्षेत्रों को शामिल करने के लिए लड़ाई फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, "चंडीगढ़ को स्पष्ट रूप से पंजाब का हिस्सा घोषित कर दिया गया था और केवल पांच साल तक केंद्र शासित प्रदेश बना रहना था। हम इस मामले में पंजाब के साथ केंद्र के विश्वासघात के खिलाफ नई ताकत से लड़ेंगे।"
चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है। बादल ने अपने घोषणापत्र को 'ऐलान-नामा' बताते हुए कहा कि पार्टी दोनों देशों के बीच आपसी भूमि विनिमय के माध्यम से करतारपुर साहिब को पाकिस्तान से भारत में स्थानांतरित करने के लिए अपने जनादेश का उपयोग करेगी।
बादल ने कहा, "पार्टी भारत सरकार के माध्यम से काम करने का वादा करती है ताकि करतारपुर साहिब के तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता को खत्म किया जा सके और इसे एक सरल परमिट प्रणाली के साथ प्रतिस्थापित किया जा सके।"
करतारपुर गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल, को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है।
पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि लोगों के जनादेश के साथ, वह पंजाब की सहमति के बिना और राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत के उल्लंघन में किए गए नदी जल पर सभी निर्णयों और समझौतों को रद्द करने के लिए कदम उठाएगी।
बादल ने कहा कि उनकी पार्टी गैर-तटीय राज्यों को दिए जाने वाले अपने नदी जल पर रॉयल्टी मांगेगी और इसके लिए आवश्यक सभी राजनीतिक या कानूनी कदम उठाएगी। घोषणापत्र में आर्थिक समृद्धि लाने के लिए व्यापार और पर्यटन के लिए पाकिस्तान के साथ अटारी और हुसैनीवाला सीमाओं को खोलने की मांग की गई।