नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल में दो दिनों तक ध्यान के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को कहा कि राजनीति और धर्म को कभी भी एक साथ नहीं लाना चाहिए और अगर आपकी भगवान में आस्था है, तो इस तरह के ध्यान और पूजा-पाठ को अपने घर पर करना चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने कहा, "राजनीति और धर्म को कभी भी एक साथ नहीं लाना चाहिए। इन दोनों को अलग रखना चाहिए। एक धर्म का आदमी आपके साथ हो सकता है और दूसरे धर्म का आदमी आपके खिलाफ हो सकता है। धार्मिक भावनाओं को चुनावी राजनीति से जोड़ना गलत है।"
खड़गे ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा, "वह कन्याकुमारी में जाकर नाटक कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा में पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति से देश का कितना पैसा बर्बाद हो रहा है? वह ध्यान अपने घर भी कर सकते हैं।''
प्रधानमंत्री मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर कन्याकुमारी में हैं। वह ध्यान मंडपम में ध्यान कर रहे हैं, जहां माना जाता है कि स्वामी विवेकानन्द को 'भारत माता' के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी। वह 1 जून तक अपनी साधना जारी रखेंगे।
पीएम मोदी की ध्यान यात्रा के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनावी मुद्दे पर कहा कि आंध्र प्रदेश में बीजेपी को कुछ सीटें मिलेंगी लेकिन तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कांग्रेस को बड़ा फायदा होगा।
उन्होंने कहा, "पीएम मोदी कुछ भी कहें, देश की जनता ने तय कर लिया है कि वे पीएम मोदी के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करेंगे। इस चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी ने काम किया है। लोगों के सामने संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा भी है। आंध्र में बीजेपी को कुछ सीटें मिलेंगी लेकिन तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र में कांग्रेस को फायदा होगा। मुझे लगता है कि गठबंधन की सरकार बनेगी।“
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "बहुत से लोग समझ गए हैं कि भाजपा आरक्षण कैसे खत्म कर रही है। अगर उनके इरादे अच्छे होते तो वे केंद्र सरकार में 30 लाख रिक्तियां भरते और आधे से अधिक गरीबों, दलितों और पिछड़ों के पास जाते। जब इस देश में छुआछूत है और आरक्षित श्रेणियों के लोगों को समान अधिकार नहीं मिलते, आरक्षण जारी रहेगा।"
प्रधानमंत्री मोदी की उस टिप्पणी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में 1982 की 'गांधी' फिल्म के बाद पता चला।
खड़गे ने कहा, "अगर गुजरात का कोई व्यक्ति महात्मा गांधी के बारे में नहीं जानता है तो हम क्या कह सकते हैं? आप उस व्यक्ति का प्रचार क्यों नहीं कर रहे हैं, जिसे हम राष्ट्रपिता मानते हैं। वह भी गुजराती थे। हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन आपने गोडसे के साथ जाना चुना।"