Lok Sabha Elections 2024: "ममता सरकार 'जानबूझकर' नरेंद्र मोदी की बर्धमान रैली की इजाजत नहीं दे रही है", दिलीप घोष ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 30, 2024 08:12 AM2024-04-30T08:12:48+5:302024-04-30T08:17:16+5:30
बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने दावा किया कि सूबे की ममता बनर्जी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 मई को बर्धमान में प्रस्तावित चुनावी रैली की इजाजत नहीं दे रही है।
पूर्व बर्धमान: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने बीते सोमवार को दावा किया कि बंगाल की ममता बनर्जी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 मई को बर्धमान में प्रस्तावित चुनावी रैली की इजाजत नहीं दे रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार घोष ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर तृणमूल सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए इजाजत नहीं देती है तो बीजेपी अदालत जाने को 'मजबूर' होगी।"
उन्होंने कहा, "पीएम मोदी 3 मई को बर्धमान में एक सभा को संबोधित करने वाले हैं। अपनी सभा के लिए उपयुक्त मैदान की तलाश करते हुए स्थानीय भाजपा नेताओं ने दो मैदानों को चुना है लेकिन राज्य की तृणमूल सरकार मोदी की सभा के लिए जानबूझकर अनुमति नहीं दे रही है। लेकिन यह तय है कि अगर हमें प्रधानमंत्री की रैली के लिए अनुमति नहीं मिली तो हम अदालत जाने के लिए मजबूर होंगे।"
मालूम हो कि निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान की तारीख चौथे चरण में 13 मई को है। पश्चिम बंगाल लोकसभा में 42 सीटों के साथ तीसरा सबसे अधिक सीटों वाला राज्य है, इससे पहले 80 सीटों वाला उत्तर प्रदेश और 40 सीटों वाला महाराष्ट्र है।
बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र में, भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष को इस पैटर्न को पलटने और अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने की एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। साल 2009 में अपनी स्थापना के बाद से, बर्धमान-दुर्गापुर ने पिछले तीन चुनावों में सीपीआई (एम), टीएमसी और बीजेपी प्रतिनिधियों को एक-एक बार लोकसभा में भेजा है।
साल 2019 के चुनाव में भाजपा के एसएस अहलूवालिया ने लगभग 3,000 वोटों के मामूली अंतर से टीएमसी से सीट जीत ली, जिससे यह भाजपा के लिए एक चुनौतीपूर्ण युद्ध का मैदान बना हुआ है। राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में घोष के कार्यकाल के दौरान, पार्टी ने 2019 में 18 लोकसभा सीटें जीतीं।