Lok Sabha Elections 2024: "मैं भाजपा में खुश हूं, वरुण पर चुनाव बाद मंथन होगा", मेनका गांधी ने बेटे का टिकट कटने के बाद अपना पक्ष स्पष्ट किया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 2, 2024 09:04 AM2024-04-02T09:04:13+5:302024-04-02T09:13:36+5:30
मेनका गांधी ने बेटे वरुण गांधी का टिकट कटने पर कहा कि हम चुनाव के बाद इस पर विचार करेंगे। अभी इस संबंध में बहुत समय है।
सुल्तानपुर: भाजपा सांसद वरुण गांधी को उनके निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत से टिकट नहीं दिए जाने के कुछ दिनों बाद उनकी मां और भाजपा सांसद मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की अपनी 10 दिवसीय यात्रा पर चुप्पी तोड़ी और पार्टी का हिस्सा बनने पर खुशी व्यक्त की।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार यह पूछे जाने पर कि उनके बेटे वरुण गांधी अब क्या करेंगे, मेनका गांधी ने कहा, "उनसे पूछें कि वह क्या करना चाहते हैं। हम चुनाव के बाद इस पर विचार करेंगे। अभी समय है।"
उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मैं बीजेपी में हूं। मुझे टिकट देने के लिए मैं अमित शाह, पीएम मोदी और नड्डा जी को धन्यवाद देता हूं। टिकट की घोषणा बहुत देर से हुई इसलिए दुविधा थी कि मुझे कहां से लड़ना चाहिए, पीलीभीत से या सुल्तानपुर। पार्टी ने मेरे विषय में अब जो फैसला लिया है, उसके लिए मैं आभारी हूं।''
मेनका गांधी ने आगे कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मैं सुल्तानपुर वापस आई हूं क्योंकि इस जगह का एक इतिहास है कि यहां से कोई भी सांसद दोबारा संसद में नहीं पहुंचा है लेकिन मुझे सुल्तानपुर की जनता पर पूरा भरोसा है।"
टिकट मिलने के बाद सुल्तानपुर का पहला दौरा करने वाली मेनका गांधी जिले के अपने 10 दिवसीय प्रवास के दौरान पूरे लोकसभा क्षेत्र के 101 गांवों का दौरा करेंगी। सुल्तानपुर के
कटका गुप्तारगंज, तातियानगर, टेढुई, गोलाघाट, शाहगंज चौराहा, दरियापुर तिराहा और पयागीपुर चौराहा आदि स्थानों पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
इस दौरान मेनका गांधी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर सुल्तानपुर के भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा, भाजपा प्रदेश मंत्री मीना चौबे, लोकसभा प्रभारी दुर्गेश त्रिपाठी, लोकसभा संयोजक जगजीत सिंह छंगू, विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, विधायक राजेश गौतम और प्रवक्ता विजय रघुवंशी मौजूद रहे।
इससे पहले, वरुण गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को एक भावुक पत्र लिखकर कहा था कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से उनका रिश्ता आखिरी सांस तक खत्म नहीं होगा।