पटनाः मणिपुर में 5 विधायक तोड़े जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि किसी पार्टी के जीतने वाले लोगों को किस तरह भाजपा अपने पाले में ले रही है। जब तक हम एनडीए में साथ थे तब हमने किसी को तोड़ने का काम नहीं किया।
भाजपा के इस रवैये और नए ढंग से काम करने के तरीकों से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि 2024 में जनता का रुख पता चल जाएगा। देश की जनता सब देख रही है। पटना में जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी पदाधिकारियों का आह्वान किया कि 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं।
सभी मतभेद भूल कर लोकसभा चुनाव के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि वे दो दिनों बाद वे दिल्ली जाएंगे, विभिन्न दलों के नेताओं से उनकी बात होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले से भी उनकी बात विभिन्न दलों के नेताओं से हो रही है। नीतीश ने कहा कि 2024 का रिजल्ट भाजपा के खिलाफ जाएगा।
बैठक में पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में आगे आने की अपील भी की। बैठक में एनडीए से अलग होकर महागठबंधन सरकार बनाने के पार्टी के निर्णय को अच्छा कदम बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में जदयू के जितने भी विधायक जीते थे, वह चुनाव परिणाम के अगले ही दिन मिलने आए थे।
जब हम लोगों ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया तो उस समय भी उन लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की थी। दो दिन पहले ही मणिपुर के जदयू विधायकों ने फोन कर यह कहा था कि वे लोग राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने आ रहे हैं। अब किसी पार्टी से जीतने वाले लोगों को अपनी तरफ खींचने का जो कार्य हो रहा वह किस तरह का काम है? पहले इस प्रकार की चीज चलती रही है क्या?
यह कोई संवैधानिक काम है क्या? नीतीश ने कहा कि हम लोग तो मणिपुर में गठबंधन में थे भाजपा के साथ। किसी को वहां कुछ बनाया क्या? बाद में सभी लोगों को अपनी ओर खींच लिया। खैर जो करता है सो करता है। उसमें क्या फर्क पड़ता है। किसको खत्म कर देंगे? अन्य पार्टी के जो लोग अन्य राज्यों में देखते हैं उन्हें अपनी तरफ कब्जा करना क्या यही काम है?