कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल में चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। राहुल गांधी 4,31,195 वोटों से जीते। वायनाड में राहुल की जीत अंतर दक्षिण भारत में सबसे बड़ा बताया जा रहा है।
इससे पहले केरल में यह रिकॉर्ड आईयूएमएल के ई अहमद के नाम था जो 2014 के चुनाव में मलप्पुरम से 1,94,739 वोटों से जीते थे।
वायनाड में शानदार जीत दर्ज करने के साथ ही राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए।
अमेठी के शुरुआती रुझानों में ही स्मृति ईरानी राहुल गांधी से आगे चल रही थीं। शाम को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मृति के हाथों अपनी हार स्वीकार की। उन्होंने कहा कि वह स्मृति ईरानी से कहना चाहेंगे कि वह अमेठी की जनता का ख्याल रखें, जो भरोसा जनता ने जताया है, उसे कायम रखें।
बीजेपी आरोप लगाती आई है कि अमेठी में कांग्रेस ने कोई काम नहीं किया है, इसलिए अपनी हार की आशंकाओं के चलते राहुल गांधी केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने गए।
हालांकि, कांग्रेस ने बीजेपी के इस आरोप को यह कहते हुए खारिज किया था कि बीजेपी हमेशा से दक्षिण के राज्यों की उपेक्षा करती आई है। कांग्रेस ने उन्हें मुख्यधारा में लाकर वहां विकास करने का फैसला लिया है इसलिए राहुल गांधी ने वायनाड से पर्चा भरने का फैसला किया था।
इस बार वायनाड में राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी समर्थित भारत धर्म जनसेना (बीडीजेएस) अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली, सीपीआई के पीपी सुनीर, एसडीपीआई के बाबू मणि करुवराकुंडू, बीएसपी के पीके मोहम्मद, सीपीआईएमएल रेड स्टार की ऊषा के और सेक्युलर डेमोक्रेटिक कांग्रेस के जॉन पीपी के अलावा 13 निर्दलीय उम्मीदवारों से था।
2014 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। कांग्रेस के एमआई शनावास वायनाड से सांसद बने थे। तब शानावास बहुत कम मार्जिन से जीते थे। वह महज 20 हजार वोटों से जीते थे।
बता दें खबर लिखे जाने तक रुझानों में केरल में कांग्रेस समर्थित यूडीएफ सबसे आगे बढ़त बनाए हुए था। केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं। वायनाड सीट केरल के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं से लगी है। इस सीट पर अल्पसंख्यकों और आदिवासियों की संख्या ज्यादा बताई जाती है।