वेल्लोर लोकसभा सीट के लिए होने वाला चुनाव मंगलवार को रद्द कर दिया गया जहां कुछ दिन पहले द्रमुक के एक उम्मीदवार के कार्यालय से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को की गई सिफारिश के आधार पर सीट पर चुनाव के लिए अधिसूचना रद्द कर दी।
वेल्लोर में मतदान 18 अप्रैल को होना था। चुनाव आयोग ने यह निर्णय आरोपी के. आनंद के साथ ही पार्टी के दो पदाधिकारियों के खिलाफ आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के आधार पर 10 अप्रैल को जिला पुलिस द्वारा एक शिकायत दर्ज करने के बाद लिया। पुलिस ने बताया कि आनंद पर अपने नामांकन पत्र के साथ दिये गए हलफनामे में ‘‘गलत सूचना’’ देने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के तहत आरोप लगाया गया।
दो अन्य के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया जिनकी पहचान श्रीनिवासन और दामोदरन के तौर पर हुई है। सिफारिश विधि मंत्रालय के विधायी विभाग को मंगलवार को भेजी गई थी जिसने अधिसूचना जारी की। सरकार के सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है। वह अब राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अधिसूचना के बारे में सूचित करेंगे।
30 मार्च को आयकर अधिकारियों ने आनंद के पिता डी मुरुगन के आवास पर चुनाव प्रचार में बेहिसाब धनराशि इस्तेमाल के संदेह में छापे मारे थे और 10.50 लाख रुपये कथित ‘‘अतिरिक्त’’ नकदी बरामद की थी। दो दिन बाद उन्होंने उसी जिले में द्रमुक नेता के एक सहयोगी के सीमेंट गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये जब्त करने का दावा किया था। मुरुगन ने यद्यपि दावा किया कि उन्होंने कुछ भी छुपाया नहीं है। उन्होंने आयकर विभाग की कार्रवाई के समय पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि छापेमारी कुछ नेताओं का ‘‘षड्यंत्र’’ है जो उनका मुकाबला चुनावी मैदान में नहीं कर सकते।