Lok Sabha Election Result 2024 Trends: 241 सीट पर आगे भाजपा, लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर देश की बागडोर संभालेंगे पीएम मोदी, राहुल गांधी की टीम से टक्कर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 4, 2024 13:35 IST2024-06-04T13:31:15+5:302024-06-04T13:35:12+5:30
Lok Sabha Election Result 2024 Trends: अब तक के रुझानों के मुताबिक भाजपा 542 सीटों में से 241 पर आगे है जबकि कांग्रेस ने 97 पर बढ़त बना रखी है।

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Lok Sabha Election Result 2024 Trends: लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी मतगणना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 296 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ 227 सीटों पर आगे है। इसके साथ ही यह संकेत भी मिल रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर देश की बागडोर संभाल सकते हैं और उनका सामना एक मजबूत विपक्ष से हो सकता है। अब तक के रुझानों के मुताबिक भाजपा 542 सीटों में से 236 पर आगे है जबकि कांग्रेस ने 97 पर बढ़त बना रखी है।
इन रुझानों के अनुसार भाजपा को काफी नुकसान होता दिख रहा है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने दम पर 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस इस चुनाव में 52 सीटों पर सिमट गई थी। उसे इस चुनाव में खासी बढ़त मिलने के संकेत मिल रहे हैं। अगर नतीजे कमोबेश रुझानों के अनुरूप रहते हैं तो लोकसभा में राजग पहले के मुकाबले कमजोर स्थिति में रहेगा।
जबकि विपक्ष अब मजबूत भूमिका में दिख सकता है। सुबह 11.45 बजे तक उपलब्ध रुझानों में, राजग 300 के आंकड़े के करीब था और वह आराम से 272 के जादुई आंकड़े से अधिक हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है। विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर उसने फिलहाल महत्वपूर्ण बढ़त बना रखी है।
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने भाजपा को मजबूत टककर दी है। भाजपा जहां 36 सीटों पर आगे है जो कि पिछली बार के 62 सीटों से बहुत कम है वहीं समाजवादी पार्टी 33 सीटों के करीब है। साल 2019 के पांच सीटों के मुकाबले वह बहुत आगे है।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रुझानों के अनुसार, पिछले चुनाव में सिर्फ एक सीट हासिल करने वाली कांग्रेस इस बार आठ सीटें जीत सकती है। उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जो लोकसभा में 80 सांसदों को भेजता है और भाजपा के लिए पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह राज्य खेल बदलने वाला साबित हुआ है।
सत्तारूढ़ राजग ने इस चुनाव में ‘400 पार’ का नारा दिया था लेकिन जो रुझान अब तक सामने आए हैं, उसके मुताबिक तो यह फिलहाल दूर की कौड़ी नजर आ रहा है। बहरहाल, रुझानों से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं।
शुरुआती दौर में मोदी वाराणसी में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी अजय राय से पीछे चल रहे थे, लेकिन जल्द ही उन्होंने बढ़त बना ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार और गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा से 39,000 से अधिक मतों से पीछे हैं। रायबरेली से राहुल गांधी, लखनऊ से राजनाथ सिंह और कन्नौज से अखिलेश यादव आगे हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जहां उत्तर प्रदेश में ‘इंडिया’ गठबंधन का मनोबल ऊंचा रखा है, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन की प्रमुख सहयोगी तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 29 सीटों पर आगे है। साल 2019 में 22 सीटों के मुकाबले सात सीटों की बढ़त हासिल करती दिख रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा फिलहाल 10 सीटों पर आगे है।
पड़ोसी राज्य बिहार में, भाजपा 11 और उसकी सहयोगी जद-यू 14 पर आगे है। राजद पांच सीटें जीतने की ओर अग्रसर है। अड़तालीस लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में शिवसेना इस बार दो धड़ों में बंटी हुई है। पांच साल पहले 23 सीटें जीतने वाली भाजपा 11 सीटों पर बढ़त हासिल किए हुए है जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना छह सीटें जीत सकती है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस 11 सीटों पर आगे है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 11 सीटों पर आगे है। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) 25 में से 16 सीटों पर, भाजपा तीन पर और वाईएसआरसीपी चार सीटों पर आगे है। कर्नाटक के रुझानों के अनुसार कांग्रेस यहां लाभ की स्थिति में है।
वह सात सीटों पर बढ़त में हैं जबकि 2019 में 25 सीटें पाने वाली भाजपा 19 पर आगे है। केरल के सुदूर दक्षिण भारत में भाजपा अपना खाता खोल सकती है। रुझानों के अनुसार उसे दो सीटें मिल सकती हैं। पिछली बार 15 सीटें पाने वाली कांग्रेस 13 पर आगे है। इसमें वायनाड भी शामिल है जहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं।
माकपा को एक सीट पर बढ़त हासिल है। तमिलनाडु एक बार फिर भाजपा को खारिज करता दिख रहा है। सत्तारूढ़ द्रमुक 20 और कांग्रेस आठ सीटों पर आगे है। उसका प्रदर्शन ठीक उसी तरह दिख रहा है, जैसा 2019 में था। लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा के भी चुनाव हुए थे। इन चुनावों में दोनों राज्यों के सत्तारूढ़ दलों को जनता खारिज करती दिख रही है।
ओडिशा में नवीन पटनायक नीत बीजद अप्रत्याशित हार की ओर बढ़ रहा है। रिकॉर्ड छठी बार मुख्यमंत्री बनने की पटनायक की कोशिशों को जोरदार झटका लगा है। भाजपा ने ओडिशा में कम से कम 50 विधानसभा सीटों पर शुरुआती बढ़त हासिल कर ली है। दूसरी ओर, बीजद उम्मीदवार राज्य की 147 विधानसभा सीटों में से 35 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे हैं।
अभी तक 94 सीटों के लिए रुझान उपलब्ध थे। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) 175 सदस्यीय विधानसभा में 125 सीटों पर बढ़त के साथ सत्ता की ओर बढ़ रही है। वाई एस जगन रेड्डी के नेतृत्व वाला वाईएसआरसीपी केवल 21 सीटों पर आगे है। भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘‘यह देश के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक दिन है।
शायद ही दुनिया में किसी भी लोकतांत्रिक देश में ऐसा कोई समानांतर उदाहरण होगा जहां देश के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता को लगातार तीसरी बार और पिछले दो बार की तुलना में बराबर या बड़े तरीके से चुना गया हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस लिहाज से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह की लोकप्रियता अर्जित की है, वह वैश्विक मानकों के हिसाब से भी ऐतिहासिक है।’’
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हम जीत गए हैं, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे हार गए हैं। लेकिन यह जमीनी तथ्यों के बारे में एक स्पष्ट संदेश है।’’ शिवसेना सांसद संजय राउत के अनुसार, ‘इंडिया’ गठबंधन ने एग्जिट पोल द्वारा अनुमानित संख्या को पार कर लिया है। उन्होंने दावा किया है कि विपक्षी गठबंधन 295 लोकसभा सीटें जीतेगा।