बिहार में महागठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. कांग्रेस 15 सीटों के मांग पर अड़ी हुई है. तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के इस रवैये को लेकर निशाना साधा है. बीते कई दिनों से कांग्रेस और राजद के बीच सीटों को लेकर लम्बी खींचतान चल रही थी. बीच में ऐसी भी ख़बरें आई थी कि लालू यादव खुद सीट बंटवारे को लेकर मोर्चा संभाल रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट में कहा, "संविधान और देश पर अभूतपूर्व संकट है. अगर अबकी बार विपक्ष से कोई रणनीतिक चुक हुई तो फिर देश में आम चुनाव होंगे या नहीं, कोई नहीं जानता? अगर अपनी चंद सीटें बढ़ाने और सहयोगियों की घटाने के लिए अहंकार नहीं छोड़ा तो संविधान में आस्था रखने वाले न्यायप्रिय देशवासी माफ़ नहीं करेंगे."
महागठबंधन में ऐसे कई नेता हैं जो नाराज चल रहे हैं. जीतन राम मांझी ने भी संकेत दिए हैं कि अगर उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो उनके पास और भी विकल्प हैं. इसका मतलब है कि महागठबंधन की एकता में राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की नजर लग गई है.
पिछले दो दशक की राजनीति में बिहार में कांग्रेस हाशिए पर है. 2014 में भी किसनगंज सीट को छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस कोई भी सीट नहीं जीत पायी थी. सीटों को लेकर खिंच्ताम लम्बी चल सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने जिस तरह से सपा-बसपा के ऑफर को ठुकराया है उससे तो यही लगता है कि पार्टी सीटों के मुद्दे को लेकर समझौता करने के मूड में नहीं है.