चुनावी विगुल बजने के बावजूद बिहार में सभी दलों के बीच ऊहापोह की स्थिति, सभी अपनी डफली-अपना राग अलापने में जुटे
By एस पी सिन्हा | Published: March 11, 2019 06:03 PM2019-03-11T18:03:57+5:302019-03-11T18:03:57+5:30
राजद ने यह तय किया है कि बेगूसराय की सीट पर राजद के तनवीर हुसैन को प्रत्याशी बनाया जायेगा. यहां पिछले चुनाव में तनवीर महज कुछ मतों के अंतराल से चुनाव हार गये थे. पार्टी ने भाकपा को साफ कर दिया है कि बेगूसराय की सीट पर कोई समझौता नहीं होगा.
चुनावी बिगुल तो बज गया है, लेकिन बिहार में सीटों के बंटवारे पर महागठबंधन व वामदलों का रवैया 'अपनी डफली, अपना राग' जैसा है. भाकपा-माले, भाकपा, माकपा, राजद, कांग्रेस, हम, वीइआइपी और रालोसपा अभी तक यह तय नही कर पाये हैं कि कौन कितने सीट पर लड़ेगा. खास बात यह भी है कि अलग-अलग स्तरों पर ही महागठबंधन को लेकर अनौपचारिक बातचीत हुई है.
वहीं, आधिकारिक तौर पर अभी तक इसमें गंभीरता नहीं दिखाई गई है. वाम दलों सहित सभी दलों ने अपने-अपने हिसाब से सीटों पर दावेदारी भी कर रखी है. वैसे कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को पटखनी देने के लिए तैयार महागठबंधन के बीच सीटों के बटवारे का फार्मूला तैयार हो गया है. लेकिन इस तैयार फार्मूले में भाकपा के कन्हैया को सीट नही देने की बात सामने आ रही है. हालांकि अभी इसकी अधिकारिक तौर पर यह तय नही किया जा सका है.
सूत्रों के अनुसार राजद ने यह तय किया है कि बेगूसराय की सीट पर राजद के तनवीर हुसैन को प्रत्याशी बनाया जायेगा. यहां पिछले चुनाव में तनवीर महज कुछ मतों के अंतराल से चुनाव हार गये थे. पार्टी ने भाकपा को साफ कर दिया है कि बेगूसराय की सीट पर कोई समझौता नहीं होगा. भाकपा दूसरी सीट चाहे तो इस पर विचार हो सकता है. जबकि जदयू से बाहर हुए शरद यादव राजद के चुनाव चिह्न लालटेन पर मधेपुरा से उम्मीदवार होंगे. सन आफ मल्लाह(वीआइपी) की झोली में तीन सीटें आयेंगी.
महागठबंधन में उनकी वीआईपी को कम-से-कम तीन सीटें दी जायेगी. जबकि छपरा व पाटलिपुत्र की सीट लालू परिवार के पास ही रहेगी. उम्मीद की जा रही है कि छपरा की सीट पर पूर्व की भांति राबडी देवी ही उम्मीदवार होंगी. जबकि, पाटलिपुत्र की सीट पर मीसा भारती के नाम की चर्चा है. वहीं, पटना साहिब की सीट शत्रुघ्न सिन्हा के उपर निर्भर है. राजद पूरी तरह शत्रुघ्न सिन्हा के साथ खडा है. राजद को उनके अगले कदम का इंतजार है.
चर्चा है कि एनडीए की सीटों के ऐलान के बाद महागठबंधन के नेता इसकी घोषणा करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजद ने कांग्रेस को यह बता दिया है कि दिल्ली की राजनीति वह संभाले. लेकिन, बिहार को लालू प्रसाद की पार्टी ही चलायेगी. लेकिन, छोटी-छोटी पार्टियों की कीमत पर कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं होगा. इसका मतलब यह हुआ कि राजद बिहार की चालीस सीटों में से कम-से-कम 20 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी.
20 सीटों से कम पर कोई समझौता नहीं होगा. 10 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. मांझी की पार्टी को एक सीट मिलेगी. जबकि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को चार से पांच सीटें दी जायेगी. मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी को तीन सीटें मिलेंगी. वाम दलों में एक मात्र भाकपा-माले के साथ समझौता होगा. भाकपा-माले को आरा की सीट दी जा सकती है. जबकि, राजद दरभंगा और मधुबनी में खुद चुनाव मैदान में उतरेगा.
दरभंगा से अब्दुल बारी सिद्दीकी इस बार राजद के उम्मीदवार होंगे. जबकि, पूर्व के उम्मीदवार मो. अली अशरफ फातमी को इस बार मधुबनी से पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. ऐसे में महागठबंधन की पार्टियां अपने-अपने हिसाब से सीटों पर दावेदारी कर रही हैं. वाम दलों की बात करें तो करीब 14 सीटों पर इनलोगों की भी दावेदारी है.
वैसे भाकपा माले के प्रदेश सचिव कुणाल कहते हैं कि पाटलिपुत्र, वाल्मीकिनगर, आरा, सीवान, जहानाबाद, काराकाट सीटों पर हमारी पार्टी ने दावेदारी की है. इन स्थानों पर हमारी पार्टी को अच्छे वोट मिलने का भरोसा है. पिछला रिकॉर्ड भी अच्छा ही है. हालांकि, जब मिल बैठकर बात होगी तो आगे-पीछे हो जायेगा.