Lockdown: सड़क किनारे सो रहे जैसलमेर से लौटे मजदूरों को ट्रक ने रौंदा, तीन की मौत
By बृजेश परमार | Updated: April 30, 2020 06:05 IST2020-04-30T06:05:26+5:302020-04-30T06:05:26+5:30
राजस्थान में फंसे मध्य प्रदेश के मजदूरों को लाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सोमवार को बसें भेजी गई थीं। इसी में उज्जैन के मोहनपुरा गांव में रहने वाले 14 मजदूर जैसलमेर से लौटे थे। इनमें 3 बच्चे भी शामिल थे।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
मंगलवार-बुधवार देर रात 3:00 बजे के करीब भैरवगढ़ स्थित साडू माता मंदिर सड़क के मोड़ पर सो रहे मजदूरों पर ट्रक चढ़ गया, इस कारण तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। ये मजदूर मंगलवार रात को ही जैसलमेर से शासकीय सहायता से बसों से लौटे थे।
राजस्थान में फंसे मध्य प्रदेश के मजदूरों को लाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सोमवार को बसें भेजी गई थीं। इसी में उज्जैन के मोहनपुरा गांव में रहने वाले 14 मजदूर जैसलमेर से लौटे थे। इनमें 3 बच्चे भी शामिल थे। इन मजदूरों को बसों से आगर रोड नाके पर उतार दिया गया था। सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग ने की थी। इसके बाद मजदूरों को घरों के लिए रवाना कर दिया गया था।
परिवहन के साधन न होने के कारण मोहनपुरा के मजदूर आगर रोड से भैरवगढ़ रोड पर रवाना हुए थे। रात अधिक होने पर सभी 14 मजदूर भैरवगढ़ साडू माता मंदिर के वहां रुक गए, वहीं पर सभी ने खाना खाया और कुछ सड़क किनारे एवं शेष कुछ दूरी पर सोए थे।
रात्रि 3:00 बजे के करीब इंदौर से मैदा से भरा हुआ ट्रक क्रमांक एमपी 09- एच एच-2669 आगर की ओर जा रहा था, तेज गति से आ रहे ट्रक का ड्राइवर सड़क पर मोड़ होने से अपना संतुलन खो बैठा और सड़क किनारे सो रहे तीन मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया।
शेष मजदूर एवं बच्चे भी पास में ही सो रहे थे वे मात्र कुछ इंच की दूरी से ट्रक के निकलने से बच गए। ट्रक की चपेट में आने से विक्रम सिंह उम्र 65 वर्ष, भूली पति विक्रम सिंह उम्र 55 वर्ष तथा बद्रीलाल बंजारा की मौत हो गई।
घटना के तत्काल बाद ट्रक का ड्राइवर वाहन वहीं छोड़कर फरार हो गया। जांच में पाया गया कि ट्रक में इंदौर से मेदा भरकर आगरा के लिए भेजा जा रहा था। ट्रक की चपेट में आने से तीनों के शव क्षत विक्षप्त स्थिति में थे। यहां तक की शवों को सड़क से बटोरना पड़ा। भैरवगढ़ थाना पुलिस ने मर्ग और प्रकरण कायम किया है। ट्रक जब्त कर लिया गया है। फरार ड्राइवर की तलाश की जा रही है।
बसों से लाए तो गांव तक क्यों नहीं छोड़ा?
संबंधित मजदूरों को बसों से जैसलमेर से लाया गया था। उनके स्वास्थ्य की जांच भी उज्जैन लाकर की गई थी। इसके बाद लॉकडाउन को देखते हुए मजदूरों को बसों से घर छोड़ा जाना था लेकिन ऐसा न करते हुए उन्हें आगर रोड नाके के पास ही छोड़ दिया गया। जिससे उन्हें बडनगर रोड स्थित मोहनपुरा गांव के लिए पैदल नहीं जाना पड़ता और संभवत: वे हादसे से बच जाते।
सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई। संबंधित स्थल पर मजदूर बच्चों के साथ सो रहे थे। तीन मजदूर सड़क किनारे सोए थे जो दुर्घटना का शिकार हो गए। शेष मजदूर बच्चों के साथ पास ही सोए हुए थे। मंदिर के पास सड़क पर कर्व की स्थिति है। -रूपेश द्विवेदी, एएसपी शहर, उज्जैन