चीन सीमा पर तनाव के कारण श्रीनगर-लेह राजमार्ग को जल्द खोलने में राह आसान कर रही कम बर्फबारी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 18, 2022 02:54 PM2022-02-18T14:54:29+5:302022-02-18T14:55:43+5:30
अधिकारियों ने बताया कि सोनामर्ग-बालटाल रोड पर इस बार 4 से 6 फीट बर्फ है और जोजिला पर यह 8 से 10 फुट है। यही कारण था कि इस बार अधिकारियों को इसे जल्द चालू करने की उम्मीद बंधी है।
जम्मू: लद्दाख सेक्टर में चीन सीमा पर दो सालों से जारी तनातनी के माहौल के बीच एलएसी तक सप्लाई को निर्बाध जारी रखने की खातिर 434 किमी लंबे श्रीनगर-लेह राजमार्ग को खुला रखना सीमा सड़क संगठन के लिए चुनौती साबित हो रहा है। इतना जरूर था कि इसके इस बार जल्दी खुल जाने की संभावना इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि इस राजमार्ग पर इस बार उतनी बर्फबारी नहीं हुई है जितनी पिछले साल हुई थी।
बीआरओ के बीकन संगठन के अनुसार, इस राजमार्ग से बर्फ हटाने का कार्य पूरी तेजी के साथ जारी है। दरअसल जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन इस पर जोर दे रहे हैं कि राजमार्ग जल्द से जल्द खुल जाए। हालांकि इस राजमार्ग पर पिछले साल की बनिस्बत कम बर्फबारी हुई है पर राजमार्ग से बर्फ हटाने में जुटे कर्मियों को कई स्थानों पर हिमस्खलन की परिस्थितियों से दो चार होना पड़ रहा है जो कार्य में लगातार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। बीआरओ के अधिकारियों के बकौल, अगर मौसम ने साथ दिया तो इस राजमार्ग से इस माह के अंत तक बर्फ को हटा दिया जाएगा। और फिर राजमार्ग की परिस्थितियों को जांचने के बाद ही इस पर यातायात बहाल करने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
माना कि श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर इस बार कम बर्फ गिरी है पर इस राजमार्ग के सबसे ऊंचे प्वाइंट जोजिला दर्रे पर ऐसा नहीं है। वहां जम कर बर्फ गिरी और अब वहीं पर हिमस्खलन बीआरओ कर्मियों के लिए चुनौती बने हुए हैं। याद रहे जोजिला दर्रे को बर्फ के कारण साल में 4 से 6 महीने तक बंद रखा जाता है। अधिकारियों ने बताया कि सोनामर्ग-बालटाल रोड पर इस बार 4 से 6 फीट बर्फ है और जोजिला पर यह 8 से 10 फुट है। यही कारण था कि इस बार अधिकारियों को इसे जल्द चालू करने की उम्मीद बंधी है।
वैसे हर साल जोजिला में 10 से 15 फुट और सोनामर्ग-बालटाल पर भी इतनी ही बर्फ होती थी। बीआरओ अधिकारियों के मुताबिक, जोजिला से सोनामर्ग के 30 किमी के भाग में ही उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सोनामर्ग से जोजिला तक बर्फ साफ करने का जिम्मा प्रोजेक्ट बीकन और करगिल की तरफ वाले भाग से बर्फ को हटाने की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट विजयांक के हवाले है।