कोलकाता: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते मंगलवार को बंगाल की तृणमूल सरकार पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कथित अवैध प्रवासन और गाय तस्करी को लेकर ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में वामपंथी शासन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले शासन से बेहतर था।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार कोलकाता में पार्टी नेताओं की एक बंद कमरे में हुई बैठक में गृहमंत्री शाह ने कहा कि बंगाल से तृणमूल को उखाड़ने के लिए भाजपा को जीत हासिल करनी होगी।
अमित शाह ने साल 1977-2011 तक बंगाल में शासन करने वाली सीपीएम सरकार के 34 वर्षों का जिक्र करते हुए कहा, "बंगाल में कम्युनिस्टों का शासन ममता दीदी के शासन से बेहतर था। यहां के लोग यही कह रहे हैं।"
इसके साथ शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा की राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता है और किसी भी हाल में सीसीए लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''ममता दीदी नए नागरिकता कानून को लेकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसे फिर भी लागू किया जाएगा क्योंकि यह देश का कानून है।''
मालूम हो कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस देश में सीएए लागू किये जाने का विरोध कर रही है। यही कारण है कि बंगाल भाजपा नेताओं को लगता है कि सीसीए एक ऐसा मुद्दा है, जिससे वो बंगाल में अपने पैर जमा सकती है।
अमित शाह की नजर आने वाले साल में होने वाले आम चुनाव पर भी है। भाजपा की नजर तृणमूल के गृह राज्य बंगाल में बड़ी बढ़त बनाने की है। शाह को भरोसा है कि पार्टी इस बार बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 35 से अधिक सीटें जीतेगी।
उन्होंने पार्टी कार्यक्रम में कहा, "हमें अगले विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार बनाने के लिए काम करना है। भाजपा सरकार का मतलब घुसपैठ, गाय तस्करी का अंत और सीएए के माध्यम से धार्मिक रूप से सताए गए लोगों को नागरिकता प्रदान करना होगा।"