नई दिल्लीः भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य पर फाइटर जेट तेजस एन की सफल ट्रायल लैंडिग के बाद दूसरे स्वदेशी फाइटर जेट को विकसित करने को मज़ूरी मिल गई हैं. इस सफलता के बाद एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने मेड इन इंडिया फाइटर जेट के डेवलपमेंट को हरी झंडी दे दी है. स्वदेशी तेजस दो इंजन वाला फाइटर जेट हैं.
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, 22 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की नौसेना और एयरफोर्स प्रमुखों से बात हुई थी. इस मुलाकात में एडीए ने तेजस के वायुसेना के स्क्वाड्रन सेवा में शामिल होने के बाद दूसरा स्वदेशी फाइटर जेट बनाने पर बात हुई थी. इस चर्चा के बाद रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय ने तेजस एन के ऑपरेशनल रिक्वायरमेंट (ORs) जारी कर दिया है.
अगले 6 साल में उड़ान भरने के लिए तैयार होगा नया जेट फाइटर
नया स्वदेशी फाइटर जेट आने वाले 6 वर्षों में पहली उड़ान भरने के लिए तैयार होगा. इसके बाद ये फाइटर जेट INS विक्रमादित्य और जल्दी ही भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले INS विक्रांत पर तैनात होगा. बताया जा रहा है कि तेजस एन पूरी तरह स्वदेशी प्रोटोटाइप का डबल इंजन इवाल्यूशन है.
नये स्वदेशी फाइटर जेट के डेवलमेंट के फैसले की टाइमिंग काफी अहम है क्यों पिछले महीने ही पीएम मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया था. इस पैकेज के तहत डिफेंस सेक्टर बड़े आधारभूत सुधार करते हुए वित्त मंत्री ने डिफेंस प्रोडक्शन में FDI को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया था जो कि डायरेक्ट रुट से होगा.
नये फाइटर जेट डिज़ाइन और डेवलपमेंट टीम का कहना है कि ये फाइटर जेट अमेरिकी नौसेना के बोइंग के 'F/A-18E/F सुपर हॉर्नेट' और फ्रांसीसी नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स डी गॉल पर तैनात मरीन रफाल की टक्कर का होगा. फिलहाल नए फाइटर जेट के लिए 3 डिज़ाइनों पर रिसर्च का काम जारी है.
कमीशन होने के बाद नया फाइटर जेट नेवी के MiG-29K को रिप्लेस करेगा. इस वक्त INS विक्रमादित्य पर MiG-29K की तैनाती है. बताया जा रहा है कि नए फाइटर जेट में 6 हवा से हवा में हमला करने वाली मिसाइलों से लैस होगा.
इससे पहले जनवरी में भी लड़ाकू विमान तेजस का नौसेना के लिए डेवलप किए गए वेरियंट ने एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य पर सफल लैंडिग की थी. जिसके बाद विमान की लैंडिंग में शामिल सेना के अधिकारियों ने बताया था कि इस सफल परीक्षण ने भारत को उन कुछ गिने चुने देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर पर उतरने में सक्षम लड़ाकू विमान डेवलप कर सकते हैं.
एयर क्राफ्ट कैरियर पर लैंडिंग करने सक्षम तेजस को डेवलप करने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), एरोनॉटिकल विकास एजेंसी (एडीए), हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के विमान अनुसंधान एवं डिजाइन केन्द्र और सीएसआईआर सहित कई एजेंसियों का योगदान रहा है. 2019 के सितंबर में भी गोवा स्थित परीक्षण केन्द्र पर ऐसा लैंडिग ट्रायल हुआ था.