Land For Job Scam: विधानसभा चुनाव से पहले राजद और तेजस्वी यादव को झटका?, लालू प्रसाद पर सुनवाई तेज करने का निर्देश
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 18, 2025 12:06 IST2025-07-18T12:05:06+5:302025-07-18T12:06:41+5:30
Land For Job Scam: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई के जमीन के बदले नौकरी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

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नई दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद और तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है। चुनाव नवंबर 2025 में होने वाला है। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लालू प्रसाद पर सुनवाई तेज कीजिए। भष्ट्राचार को लेकर तेजस्वी को जवाब देनी पड़ेगी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को ज़मीन के बदले नौकरी 'घोटाले' में कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई रोकने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि 77 वर्षीय वरिष्ठ राजद नेता को मुकदमे के दौरान व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट लालू यादव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मुकदमे पर रोक लगाने से इनकार करने के फैसले को चुनौती दी थी।
Supreme Court refuses to interfere with the Delhi High Court May 29 order that had refused to stay the trial against Rashtriya Janata Dal (RJD) chief Lalu Prasad Yadav before a special court in Delhi in a land-for-jobs case during his tenure as railways minister.
— ANI (@ANI) July 18, 2025
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उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई के जमीन के बदले नौकरी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी रद्द करने की उनकी याचिका पर सुनवाई में तेजी लाने को कहा। शीर्ष अदालत ने मामले में यादव को निचली अदालत में पेशी से छूट भी प्रदान की।
गत 29 मई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है। उच्च न्यायालय ने एजेंसी की प्राथमिकी रद्द करने की यादव की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और सुनवाई 12 अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप ‘डी’ की नियुक्तियों से संबंधित है। ये नियुक्तियां कथित तौर पर राजद अध्यक्ष के परिवार या सहयोगियों के नाम पर उपहार में दी गई या हस्तांतरित की गई जमीन के बदले में की गई थीं।