बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से 33 करोड़ 67 लाख रुपये के गबन से जुड़े एक मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि, लालू को अभी जेल में ही रहना होगा। उनके खिलाफ दरअसल दुमका कोषागार का मामला अभी लंबित है।
लालू ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि इस मामले में उन्होंने अपनी आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने अपनी बीमारी का भी हवाला दिया था। इससे पहले 11 सितंबर को हाई कोर्ट ने चाईबासा कोषागार मामले में सुनवाई आज तक के लिए टाल दी थी।
सितंबर में हुई सुनवाई में सीबीआई के वकील ने आपत्ति उठाई थी और कहा था कि चाईबासा कोषगार से गबन के इस मामले में लालू को पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी और उन्होंने इस मामले में तय सजा का आधा समय अब तक हिरासत में नहीं बिताया है जिसके चलते उनकी जमानत याचिका पर अभी सुनवाई उचित नहीं है।
सीबीआई की ओर से तब कहा गया कि लालू को इस मामले में सजा की आधी अवधि पूरी करने में अभी 23 दिन का समय बाकी है। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। बता दें कि चारा घोटाले में दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू को 14 साल की सजा मिली है।
नवंबर में दुमका केस में भी लालू यादव की सजा की आधी पूरी हो जाएगी। ऐसे में लालू यादव के वकील उम्मीद कर रहे हैं कि तब वो जेल से बाहर आ सकते हैं। लालू यादव को चारा घोटाला के तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। फिलहाल लालू रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें कोरोना के खतरे को देखते हुए रिम्स डायरेक्टर के बंगले में रखा गया है।