केंद्र और राज्य के बीच रेमडेसिविर को लेकर समन्वय की कमी: गुजरात उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: May 17, 2021 17:00 IST2021-05-17T17:00:20+5:302021-05-17T17:00:20+5:30

Lack of coordination between center and state regarding Remedesvir: Gujarat High Court | केंद्र और राज्य के बीच रेमडेसिविर को लेकर समन्वय की कमी: गुजरात उच्च न्यायालय

केंद्र और राज्य के बीच रेमडेसिविर को लेकर समन्वय की कमी: गुजरात उच्च न्यायालय

अहमदाबाद, 17 मई गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यक मात्रा के आवंटन में केंद्र और राज्य सरकार के बीच ‘‘समन्वय की कमी’’ प्रतीत होती है।

अदालत ने उल्लेख किया कि केंद्र सरकार ने पिछले एक महीने से राज्य को प्रतिदिन करीब 16,000 शीशियों की आपूर्ति जारी रखी है जबकि मांग प्रतिदिन लगभग 25,000 शीशियों की थी।

न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति भार्गव डी त्रिवेदी की एक खंडपीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सहायक सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास से पूछा कि गुजरात की मांग क्यों नहीं पूरी की जा रही है।

अदालत से सवाल किया, ‘‘उन रोगियों का क्या होगा जिन्हें इस (इंजेक्शन) की आवश्यकता है? क्या सरकार को रोगियों को रेमडेसिविर के अभाव में मरने देना चाहिए?’’

अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह राज्यों को कोविड​​​​-19 के गंभीर रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रेमेडिसविर के आवंटन के लिए नीति को रिकॉर्ड में रखे।

अदालत ने कहा कि उत्पादन पहले के 30,00,000 शीशी प्रति माह से बढ़कर एक करोड़ शीशी होने के बावजूद, गुजरात के लिए केंद्र का आवंटन 21 अप्रैल से लगभग 16,000 प्रतिदिन बना हुआ है।

अदालत कोविड-19 महामारी से संबंधित मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत को बताया कि 21 अप्रैल से 16 मई के बीच गुजरात को प्रतिदिन 16,115 शीशियों की दर से रेमेडिसविर की 4,19,000 शीशियां मिलीं, जबकि राज्य ने 25,000 से अधिक शीशियों की मांग की थी।

उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की 25,000 शीशियों की मांग अधिकतम थी।

अदालत ने कहा, ‘‘फिलहाल आपका (राज्य का) जीएमएससीएल (गुजरात मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) इसे (अस्पतालों को) गुजरात में आवश्यकताओं के अनुसार वितरित कर रहा है। फिर, उन परिस्थितियों में जब अस्पतालों से जीएमएससीएल को मांग आती है और आप (सरकार) इसे केंद्र को भेजते हैं।’’

अदालत ने कहा, ‘‘अब ऐसा लगता है कि केंद्र और राज्य के बीच पिछले एक महीने से शेष लगभग 10,000 रेमडेसिविर शीशियों की खरीद के लिए समन्वय की कमी है।’’

अदालत ने कहा कि केंद्र को सोमवार से ही पर्याप्त कोटा देना चाहिए।

व्यास ने अदालत को बताया कि रेमडेसिविर को 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मांग और शीशियों की उपलब्धता के अनुसार आवंटित किया जा रहा था और ऐसा नहीं है कि केंद्र के पास असीमित आपूर्ति थी और वह इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रोक रहा था।

व्यास ने कहा कि, 21 अप्रैल से 23 मई के बीच, गुजरात को आपूर्ति बढ़कर 5,10,000 शीशी हो गई जिससे यह देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरे स्थान पर है।

अदालत की पीठ ने तब केंद्र से कहा कि वह मांग और आवंटन के बीच अंतर को जायज ठहराये और आवंटन के लिए अपनाई जा रही नीति को भी रिकॉर्ड में रखे।

मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होगी।

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Web Title: Lack of coordination between center and state regarding Remedesvir: Gujarat High Court

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