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LAC पर तनातनीः चीन ने अत्याधुनिक असाल्ट मोटरबोटों के साथ नौसेना को भी उतारा, अलर्ट पर भारतीय जवान

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 21, 2020 16:27 IST

विश्व की नौसेनाओं के प्रति जानकारी देने वाली वेबसाइट नेवलन्यूज डाट काम ने दी है। उसके मुताबिक, चीन ने हाल ही में तैयार की गईं 928-डी नामक असाल्ट अत्याधुनिक मोटरबोटों को पैंगांग झील में तैनात किया है जो देखने में छोटी लेकिन बेहतरीन हमलावर मोटरबोट मानी जाती हैं।

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ठळक मुद्देचीन ने अपनी नौसेना को भी पैंगांग झील में अत्याधुनिक असाल्ट मोटरबोटों के साथ उतारा है। एक समय पर 11 नौसनिकों को ले जाया जा सकता है तथा इसमें तीन मशीनगनों को तैनात करने की पोजिशनें भी हैं। नया डाकयार्ड भी तैयार किया जा रहा है जहां अन्य तैनात की जाने वाल ऐसी की मोटरबोटों को रखा जाएगा।

जम्मूः लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों के बीच बने हुए तनातनी के माहौल को शांत करने के लिए जनरल स्तर की बातचीत के बीच यह खबर चौंकाने वाली है कि चीन ने अपनी नौसेना को भी पैंगांग झील में अत्याधुनिक असाल्ट मोटरबोटों के साथ उतारा है। 

इसकी पुष्टि विश्व की नौसेनाओं के प्रति जानकारी देने वाली वेबसाइट नेवलन्यूज डाट काम ने दी है। उसके मुताबिक, चीन ने हाल ही में तैयार की गईं 928-डी नामक असाल्ट अत्याधुनिक मोटरबोटों को पैंगांग झील में तैनात किया है जो देखने में छोटी लेकिन बेहतरीन हमलावर मोटरबोट मानी जाती हैं।

इसमें एक समय पर 11 नौसनिकों को ले जाया जा सकता है तथा इसमें तीन मशीनगनों को तैनात करने की पोजिशनें भी हैं। जबकि यह प्रति घंटे 38.9 नाट की स्पीड से चलती है। वेबसाइट के बकौल, पिछले हफ्ते ही लाल सेना ने ऐसी 6 मोटर बोटों को फिंगर चार के एरिया में तैनात किया है जबकि फिंगर चार व पांच के बीच इसके लिए नया डाकयार्ड भी तैयार किया जा रहा है जहां अन्य तैनात की जाने वाल ऐसी की मोटरबोटों को रखा जाएगा।

मोटरबोटों को 300 से अधिक नौसैनिक कमाडों के साथ तैनात करने की तैयारी में

वेबसाइट ने सूचना दी है कि चीनी सेना करीब दो दर्जन ऐसी मोटरबोटों को 300 से अधिक नौसैनिक कमाडों के साथ तैनात करने की तैयारी में है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, चीन की ओर से पैंगांग झील में नौसैनिकों की बढ़ाई जा रही संख्या चिंताजनक है जिसको देखते हुए भारत ने भी नौसैनिकों की संख्या को बढ़ाने का फैसला किया है।

अभी तक इस इलाके में सिर्फ थल सेना की ही तैनाती पर जोर दिया जा रहा था। लेकिन सूचनाएं कहती हैं कि समुद्र के समान झील की रक्षा की खातिर अब नौसेना को भी कूदना पड़ रहा है क्योंकि सारा झगड़ा इस झील के किनारे वाली पहाड़ियों पर कब्जों का ही है।

हालांकि 140 किमी से अधिक लंबी पैंगांग झील का 70 परसेंट से अधिक भाग चीन के कब्जे में है लेकिन फिर भी भारत ने मारकोस कमांडों की टुकड़ियों को कश्मीर के वुल्लर झील के इलाके से पैंगांग में स्थानांतरित करना आरंभ कर दिया है जो झील में भारतीय इलाके में गश्त करने के अतिरिक्त हमले की स्थिति में भारतीय सेना के जवानों की सहायता भी करेंगे। जानकारी के लिए पैंगांग झील की चौड़ाई कहीं पर कम से कम 2 किमी है और कहीं पर यह 7 किमी के दायरे तक फैली हुई है।

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