पेयजल गुणवत्ता की जांच के लिये प्रत्येक जिले में खोली जायेगी प्रयोगशाला : प्रह्लाद पटेल

By भाषा | Updated: November 23, 2021 20:06 IST2021-11-23T20:06:59+5:302021-11-23T20:06:59+5:30

Laboratory will be opened in every district to check drinking water quality: Prahlad Patel | पेयजल गुणवत्ता की जांच के लिये प्रत्येक जिले में खोली जायेगी प्रयोगशाला : प्रह्लाद पटेल

पेयजल गुणवत्ता की जांच के लिये प्रत्येक जिले में खोली जायेगी प्रयोगशाला : प्रह्लाद पटेल

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 23 नवंबर घरों में पहुंचाये जाने वाले पेयजल की गुणवत्ता की जांच एवं निगरानी व्यवस्था की खामियां दुरुस्त करने के उद्देश्य से देश में प्रत्येक जिले के स्तर पर राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त जल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला खोली जायेगी और इसके लिये राज्यों से कार्य तेज करने को कहा गया है। जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह जानकारी दी ।

पटेल ने ‘भाषा’ से खास बातचीत में कहा, ‘‘ जल जीवन मिशन के तहत नीतिगत मार्गदर्शन, तकनीकी एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर पेयजल की गुणवत्ता की जांच करने के लिये प्रयोगशाला स्थापित करने, उनके उन्नयन तथा कामकाज में सुधार करने का काम किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि घरों में पहुंचाये जाने वाले पेयजल की गुणवत्ता की जांच एवं निगरानी व्यवस्था की खामियां दुरुस्त करने के उद्देश्य से देश के हर जिले में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त कम से कम एक जल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला खोली जायेगी और अगर जिले का आकार बड़ा है तब ब्लाक स्तर पर भी अतिरिक्त प्रयोगशाला या जल गुणवत्ता जांच उप केंद्र खोला जायेगा ।

जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘ इस संबंध में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है ।’’

प्रह्लाद पटेल ने कहा कि सभी राज्यों को ग्राम पंचायत के स्तर पर पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिये स्थानीय समुदाय से 5 लोगों मुख्यत: महिलाओं को प्रशिक्षित करने की सलाह दी गई और इस संबंध में अधिकांश राज्यों में महिलाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य पूरा हो गया है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अनुसार, राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार देश में कुल 2,032 पेयजल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं। इनमें 28 राज्य स्तरीय, 675 जिला स्तरीय, 93 ब्लाक स्तरीय, 1143 उप मंडल स्तरीय तथा 93 मोबाइल प्रयोगशालाएं शामिल हैं । इनमें से 70 पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।

विभाग के अनुसार, फरवरी 2021 तक 3.87 लाख महिलाओं को जल गुणवत्ता जांच एवं निगरानी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया है।

नमामि गंगे परियोजना को लागू करने के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रह्लाद पटेल ने कहा कि गंगा नदी की निर्मलता की योजना के तहत उत्तराखंड में काफी हद तक कार्य पूरा हो गया है और हरिद्वार तक गंगा का पानी ए+ (ए प्लस) श्रेणी का है ।

उन्होंने कहा कि हरिद्वार के आगे उत्तर प्रदेश में गंगा नदी पर जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित करने का काम चल रहा है और इस कार्य के पूरा होने पर नदी में जल की गुणवत्ता बेहतर हो जायेगी जो राज्य में अभी बी+ (बी प्लस) श्रेणी की है।

मंत्री ने कहा कि गंगा नदी में पारिस्थितिकी प्रवाह ई-फ्लो बनाये रखने के बारे में पहले ही एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है और इसमें नदी में नियम मात्रा में प्रवाह बनाये रखने की बात कही गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है और राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है ।

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि सारी नदियां बारहमासी नहीं हैं, लेकिन उन नदियों में गंदा पानी 12 महीने आता है, ऐसे में हम गंदे पानी का संवर्द्धन करने पर ध्यान दे रहे हैं । यह सतत प्रक्रिया है और इस पर काम चल रहा है।

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